Kanpur: व्यावसायिक परिसर में लगी आग पर 38 घंटे बाद पाया गया काबू, एक युवक का शव मिला

डीएन ब्यूरो

कानपुर में एक व्यावसायिक परिसर में लगी आग पर शनिवार दोपहर पुलिस, अग्निशमन कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों ने 38 घंटे बाद काबू पा लिया। इस भयंकर आग में करीब 800 दुकानें जली हैं। इस बीच पुलिस ने एक युवक का शव बरामद किया है।

38 घंटे बाद पाया गया आग पर काबू
38 घंटे बाद पाया गया आग पर काबू


कानपुर: कानपुर में एक व्यावसायिक परिसर में लगी आग पर शनिवार दोपहर पुलिस, अग्निशमन कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों ने 38 घंटे बाद काबू पा लिया। इस भयंकर आग में करीब 800 दुकानें जली हैं। इस बीच पुलिस ने एक युवक का शव बरामद किया है।

पुलिस उपायुक्त (मध्य) प्रमोद कुमार ने शनिवार को बताया कि एक प्रतिष्ठान में काम करने वाले युवक ज्ञानचंद (40) का शव बरामद हुआ है। कुमार ने कहा कि जले हुए शव की खोज के तुरंत बाद पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने बताया कि हालांकि टावरों से धुएं का गुब्बार अभी भी निकल रहा था, लेकिन आग पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए अग्निशमन कर्मियों ने अब हर मंजिल पर आग की स्थिति का जायजा लेने के लिए भवन परिसर में प्रवेश करना शुरू कर दिया है।

इसके पहले डीसीपी ने कहा था कि एक दुकान में काम करने वाला ज्ञान चंद (40) नामक व्यक्ति लापता बताया गया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा था कि उसका पता लगाने के लिए पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों ने परिसरों में तलाशी शुरू कर दी है।

शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अग्निकांड स्थल पर पहुंचे और उन व्यवसायियों से मिले, जिनकी दुकानें और प्रतिष्ठान भीषण आग में जलकर खाक हो गए। उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार नुकसान का आकलन करें और भारी नुकसान झेलने वाले कारोबारियों को 'सही' मुआवजा मुहैया कराए। अखिलेश ने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में हम कारोबारियों के साथ खड़े हैं।’’उन्होंने कारोबारियों के साथ करीब आधा घंटा बिताया और उन्हें सांत्वना भी दी।

डीसीपी ने कहा कि अग्निशमन अभियान में सहायता के लिए एनडीआरएफ को भी बुलाया गया है। गौरतलब है कि बांसमंडी इलाके में शुक्रवार तड़के एक बहुमंजिला व्यावसायिक इमारत में लगी भीषण आग में कम से कम 800 दुकानें जलकर खाक हो गईं ।

वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अनुमान है कि आग में 500 करोड़ रुपये से अधिक का सामान और नकदी जलकर खाक हो गई है। डीसीपी कुमार ने स्वीकार किया कि रात के समय अग्निशमन दल का बचाव अभियान थोड़ा धीमा हो गया था क्योंकि दमकलकर्मी और पुलिसकर्मी काफी थके हुए थे।

स्थानीय निवासी मोहम्मद बिलाल ने बताया कि शुक्रवार की रात तेज हवाओं के कारण आग की लपटें आस-पास के वाणिज्यिक और आवासीय भवनों की ओर फैल गईं और धुएं का गुबार आसपास के घरों में घुस गया, जिससे स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

दुकानदारों ने बताया कि आग में सब कुछ जल गया। व्यापारी अशोक अग्रवाल ने बताया कि एआर और मसूद टावर में उनकी दुकानें पूरी तरह जलकर खाक हो गईं।

उन्होंने कहा, ‘‘त्योहारों के मौसम में दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर ज्यादा मांग के कारण मैंने होजरी आइटम का स्टॉक किया था।'

जिलाधिकारी विशाल जी. अय्यर ने शुक्रवार को बताया था कि अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) राजेश कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो नुकसान का आकलन और आग लगने के कारणों की जांच करेगी। उनके अनुसार समिति में अपर नगर आयुक्त, संयुक्त निदेशक (व्यापार कर) और मुख्य अग्निशमन अधिकारी शामिल हैं।

जिलाधिकारी ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद इस समिति का गठन किया गया है। पाठक ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और उन दुकानदारों से मुलाकात की, जिनकी दुकानें और प्रतिष्ठान आग में नष्ट हो गए।

उपमुख्यमंत्री ने कारोबारियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

पाठक ने कहा था, 'दुख की इस घड़ी में सरकार व्यापारियों के साथ खड़ी है और हम उन्हें (व्यापारियों को) अकेला नहीं छोड़ेंगे।'










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