प्रियंका गांधी, कमलनाथ समेत तीन नेताओं के ट्विटर खातों के ‘हैंडलर’ के खिलाफ FIR दर्ज, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप वाले विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर इंदौर में प्रियंका गांधी वाद्रा, कमलनाथ और अरुण यादव सरीखे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के ट्विटर खातों के ‘‘हैंडलर’’ (खाता चलाने वाला व्यक्ति) के खिलाफ शनिवार रात प्राथमिकी दर्ज की गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

इंदौर में प्रियंका गांधी, कमलनाथ  ट्विटर खातों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
इंदौर में प्रियंका गांधी, कमलनाथ ट्विटर खातों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज


भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप वाले विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर इंदौर में प्रियंका गांधी वाद्रा, कमलनाथ और अरुण यादव सरीखे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के ट्विटर खातों के ‘‘हैंडलर’’ (खाता चलाने वाला व्यक्ति) के खिलाफ  प्राथमिकी दर्ज की गई।

इस मामले में भाजपा द्वारा ग्वालियर में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

इससे पहले दिन में भाजपा नेताओं ने प्रियंका गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ट्विटर पर दावा किया था कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों के एक संघ ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उन्हें 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही भुगतान मिलता है।

उन्होंने आरोप लगाया था, ‘‘कर्नाटक की भ्रष्ट भाजपा सरकार 40 प्रतिशत कमीशन वसूलती थी। मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गई है। कर्नाटक की जनता ने 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया अब मध्य प्रदेश की जनता 50 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को सत्ता से हटाएगी।’’

शनिवार को इंदौर के पुलिस आयुक्त के आधिकारिक ट्विटर खाते पर जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि भाजपा के विधि प्रकोष्ठ की स्थानीय इकाई के संयोजक नीमेष पाठक ने शिकायत की है कि ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से फर्जी पत्र वायरल किया है, जिसमें ठेकेदारों से 50 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने की बात लिखी गई है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि इस शिकायत पर शहर के संयोगितागंज पुलिस थाने में अवस्थी के साथ ही प्रियंका गांधी वाद्रा, कमलनाथ और अरुण यादव के ट्विटर खातों के ‘‘हैंडलर’’ के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच की जा रही है।

इससे पहले, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रामसनेही मिश्रा ने दावा किया कि संयोगितागंज पुलिस थाने में ज्ञानेंद्र अवस्थी और अन्य के साथ ही संबंधित ट्विटर हैंडल पर दर्ज नाम के आधार पर प्रियंका गांधी वाद्रा, कमलनाथ और अरुण यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 469 (ख्याति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है।

पाठक का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के झूठे आरोप वाले भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट साझा कर प्रदेश सरकार और उनकी पार्टी की छवि खराब की।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस संबंधित ट्विटर हैंडल की प्रामाणिकता की जांच कर रही है।

वहीं, पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट संबंध में ग्वालियर में एक मामला दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ें | मैं एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करती : उमा भारती

उन्होंने बताया कि भाजपा की जिला कार्यसमिति के सदस्य पंकज पालीवाल की शिकायत पर ग्वालियर पुलिस की अपराध शाखा ने सत्तारूढ़ दल पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाने वाले पत्र के संबंध में ज्ञानेंद्र अवस्थी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत अवस्थी और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि वायरल पत्र में अवस्थी और उनके संगठन लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ का नाम बताया गया है, जिसका कार्यालय (पत्र के अनुसार) ग्वालियर के वसंत विहार इलाके में है।

शिकायतकर्ता ने कहा कि खोजबीन करने पर उस मोहल्ले में ऐसा कोई व्यक्ति या संस्था नहीं मिली, इसलिए पत्र जाली है।

प्रियंका के आरोप को झूठा बताते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता से आरोप का समर्थन करने वाले सबूत मांगे और चेतावनी दी कि राज्य सरकार और भाजपा के सामने कानूनी कार्रवाई के विकल्प खुले हैं।

वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्षी दल सोशल मीडिया पर ‘‘झूठ’’ फैला रहा है। जबकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने दावा किया कि भ्रष्टाचार के हजारों मामले हैं।

भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख वी.डी. शर्मा ने आरोप लगाने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट में एक फर्जी पत्र का हवाला देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।

हालांकि, कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने कहा कि वह साबित करेगी कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्ट है और उसने सत्तारूढ़ दल पर ‘‘राजनीतिक आतंक’’ पैदा करने का भी आरोप लगाया।

प्रियंका गांधी के आरोप का जवाब देते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस बिना किसी मुद्दे के ‘‘घृणित मानसिकता के साथ’’ राजनीति कर रही है।

मंत्री ने दावा किया, ‘‘प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने पहले राहुल गांधी से झूठ बुलवाया और अब प्रियंका गांधी से झूठा पोस्ट करवाया। प्रियंका जी, अपने पोस्ट में लगाए गए आरोपों का सबूत दें, अन्यथा हमारे पास (कानूनी) कार्रवाई के लिए सभी विकल्प खुले हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखने वाले उस व्यक्ति या ठेकेदार का नाम बताना चाहिए जिसका जिक्र उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में किया है।

पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा नेता शर्मा ने कांग्रेस पर ‘‘सत्ता की भूखी होने और झूठ बोलकर सत्ता में आने’’ के लिए बेताब होने का आरोप लगाया।

यह भी पढ़ें | कांग्रेस नेता का बड़ा दवा- घर का ताला तोड़कर दो सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज चोरी

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक साजिश है और भाजपा इस पोस्ट को लेकर साइबर अपराध के तहत कार्रवाई करेगी...उन्हें बताना होगा कि उन्हें यह पत्र कहां से मिला। आपने (प्रियंका गांधी) एक फर्जी पत्र के आधार पर ना केवल मध्य प्रदेश, बल्कि देश को गुमराह किया है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व को इस पर जवाब देना होगा, भाजपा इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करेगी।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा कि उनकी पार्टी यह साबित कर देगी कि भाजपा सरकार भ्रष्ट है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए, लेकिन सत्तारूढ़ दल ‘राजनीतिक आतंक’ पैदा कर रहा है...यह असंवैधानिक तरीके अपना रहा है। हम साबित कर देंगे कि सरकार भ्रष्ट है।’’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

शनिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से पत्र मिलने के बाद, चौहान ने कहा कि उन्होंने खुफिया विभाग को ग्वालियर के उस व्यक्ति और संगठन, लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ का पता लगाने के लिए कहा, जिसने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था।

चौहान ने पत्र को फर्जी बताते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए इस पत्र में जिस व्यक्ति और संगठन का जिक्र किया गया है उसका कोई अस्तित्व नहीं है, यह सोशल मीडिया के जरिए लोगों को गुमराह करने की कांग्रेस की रणनीति है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के हजारों मामले हैं। वे कितने मामले दायर करेंगे? जब भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं तो उनके (भाजपा) पास कोई विकल्प नहीं बचता।

इस बीच, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अपराध शाखा कार्यालय पहुंचा और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी पत्र साझा किया।

मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।










संबंधित समाचार