Kisan Andolan: किसानों ने ठुकराया अमित शाह का यह प्रस्ताव, आंदोलन को और तेज करने का किया ऐलान
आंदोलनकारी किसानों ने आज गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को भी ठुकार दिया है। किसानों ने कहा कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे और बॉर्डर पर ही अपना आंदोलन जारी रखेंगे। जानिये, इस मामले से जुड़ा ताजा अपडेट
नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली सीमा पर हाजरों किसानों का आंदोलन जारी है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए हजारों किसान सिंघु और टीकरी बॉर्डर से हटने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ किसानों को रोकने के लिये बॉर्डर पर पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की भी बड़ी संख्या में तैनाती की गयी है। कई मौकों पर यहां टकराव की स्थिति भी देखने को मिल रही है। किसानों में अब 1 दिसंबर से आंदोलन को और तेज करने का भी ऐलान कर दिया है।
आंदोलन के चौथे दिन रविवार को किसानों किसान संगठनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक अहम प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है। अमित शाह ने किसानों को बुराड़ी में मुहैया कराई गई जगह पर प्रदर्शन करने और वहां सभी किसानों से बातचीत शुरू करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन किसानों ने अमित शाह के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
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अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं। अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों से वहां बात करने को तैयार है। लेकिन किसानों ने अमित शाह की इस अपील को ठुकरा दिया है।
पुलिस द्वारा शुक्रवार को किसानों में दिल्ली में एंट्री देने के साथ ही बुराड़ी के नरंकारी ग्राउंड में आंदोलन की इजाजत दी थी, जिसके बाद कुछ किसान बुराड़ी पहुंच गये थे। जबकि किसानों की बड़ी तादाद सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर जमी हुई है। वे यहीं आंदोलन करना चाहते हैं।
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किसान संगठनों ने यह भी फैसला किया है कि बुराड़ी पहुंचे किसान भी वापस सिंघु बॉर्डर लौटेंगे। किसानों ने आशंका जताई है कि टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर तो सील कर दिया गया है। इसके अलावा आने वाले दिनों में हापुड़, आगरा व जयपुर रोड को भी सील किया जाएगा। राजमार्ग और सड़के बाधित होने से किसान सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं।
दूसरी तरफ प्रदर्शन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर कुछ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया। ये किसान बैरिकेड क्रॉस करके दिल्ली की ओर आना चाह रहे थे। पुलिस ने जब इन्हें रोका तो किसान उग्र हो गए। इस दौरान यहां किसानों और पुलिस के बीच जमकर बहस हुई आखिरकार किसान अपनी वास्तविक स्थान पर चले गए।