कॉलेज की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर लड़की ने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी

डीएन ब्यूरो

बी.ए. प्रथम वर्ष की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर 17 वर्षीय लड़की ने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी और मध्य प्रदेश के इंदौर से समीपवर्ती उज्जैन चली गई क्योंकि उसे डर था कि उसके माता-पिता परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर उसे डांटेंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


इंदौर: बी.ए. प्रथम वर्ष की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर 17 वर्षीय लड़की ने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी और मध्य प्रदेश के इंदौर से समीपवर्ती उज्जैन चली गई क्योंकि उसे डर था कि उसके माता-पिता परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर उसे डांटेंगे। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यहां एक कॉलेज में कला स्नातक (बीए) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष की छात्रा को इंदौर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित उज्जैन से लाकर शनिवार को उसके परिवार को सौंप दिया गया।

बाणगंगा पुलिस थाने के निरीक्षक राजेंद्र सोनी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया, ‘‘छात्रा के पिता ने शुक्रवार रात शिकायत दर्ज कराई कि परीक्षा परिणाम घोषित होने के कुछ घंटे बाद उनकी बेटी को इंदौर में एक मंदिर के पास से उस वक्त अगवा कर लिया गया, जब वह कॉलेज से घर आ रही थी।’’

अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने कहा कि उसकी बेटी ने उसे एक अज्ञात नंबर से फोन किया और बताया कि इंदौर में उसका अपहरण कर लिया गया है।

सोनी ने बताया कि इस लड़की ने अपने पिता को बताया कि कॉलेज के एक संकाय के सदस्य ने उसे मंदिर के पास एक चौराहे पर छोड़ दिया था, जिसके बाद वह एक ई-रिक्शा में सवार हो गई।

इंस्पेक्टर ने बताया कि लड़की ने अपने पिता को यह भी बताया कि रिक्शा चालक उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके मुंह पर कपड़ा रख दिया, जिससे वह बेहोश हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘जब लड़की द्वारा बताए गए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो उसका दावा गलत पाया गया।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘इसी बीच, पुलिस को उज्जैन के एक रेस्तरां में अकेली बैठी एक लड़की के बारे में जानकारी मिली और जिसकी फोटो शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान की गई फोटो से मेल खा रही थी।’’

सोनी ने बताया कि बाद में लड़की को उज्जैन से इंदौर लाया गया और उसके थैले की जांच की गई। उन्होंने कहा कि इस थैले में इंदौर-उज्जैन बस का टिकट और उज्जैन के एक रेस्तरां का बिल मिला है।

एक पुलिसकर्मी ने बाद में उसकी काउंसलिंग की।

सोनी ने कहा कि लड़की ने काउंसलर को बताया कि वह भागकर उज्जैन आ गई थी और अपनी अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी क्योंकि वह बीए प्रथम वर्ष की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के बाद अपने माता-पिता का सामना करने की स्थिति में नहीं थी। उसे डर था कि वे उसे डांटेंगे।

पुलिस ने बताया कि लड़की को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है।










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