उगाही गिरोह ने देशभर में करीब दो हजार लोगों को बनाया शिकार, छह गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने करीब दो हजार लोगों को शिकार बनाने वाले एक उगाही गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। यह गिरोह लोगों को तत्काल कर्ज मुहैया कराकर उनसे उगाही करता था।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 June 2023, 10:57 AM IST
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने करीब दो हजार लोगों को शिकार बनाने वाले एक उगाही गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। यह गिरोह लोगों को तत्काल कर्ज मुहैया कराकर उनसे उगाही करता था।

पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से गिरोह का संचालन कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला (32), अनीसभाई अशरफभाई विंची (51), पश्चिम बंगाल निवासी गोकुल विश्वास (53), दिल्ली निवासी अशोक (36), बलवंत (39) और नितिन (24) के रूप में हुई है।

पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने देशभर के 1977 लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जय गोयल नामक एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि कुछ व्यक्ति कर्ज ऐप ‘कैश एडवांस’ के जरिये अवैध रूप से लोगों के मोबाइल डेटा तक पहुंच हासिल कर उन्हें तत्काल कर्ज मुहैया करा रहे हैं और उसके बाद कर्ज लेने वालों को ब्लैकमेल कर रहे हैं तथा उनसे पैसों की उगाही कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलीजेंस फ्यूज़न एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन’ (आईएफएसओ) में उपायुक्त (डीसीपी) प्रशांत गौतम ने बताया कि जांच के दौरान आरोपियों के अलग-अलग स्थानों पर होने का पता चला था, जिन्हें छापेमारी के बाद पकड़ लिया गया।

डीसीपी ने बताया कि गिरोह ऐप के जरिये बहुत कम ब्याज दर पर ऋण देता था और ऐप को डाउनलोड करने के दौरान इसके सदस्य लोगों के डेटा तक पहुंच हासिल कर लिया करते थे।

पुलिस ने बताया कि डिजिटल माध्यम से पैसा देने के बाद वे ब्याज दर बहुत ज्यादा बढ़ा दिया करते थे और कर्ज वापस करने के बाद भी वे कर्जदारों या उनके रिश्तेदारों से और पैसों की मांग करते थे तथा इसके लिए वे उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करते थे।

पुलिस ने बताया कि गोकुल, मुस्तजाब, अनीसभाई, अशोक और बलवंत ने कंपनियों का पंजीकरण कराया था और अपने बैंक खाते खोले थे। पुलिस ने बताया कि इन खातों में लगभग 350 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ है, जिसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटकर फिर से विभिन्न व्यक्तियों को सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए गए थे।

पुलिस ने बताया कि नितिन पहले एक चीनी ऋण ऐप कंपनी में ‘टीम लीडर’ के रूप में काम कर चुका है और वह ऋण ऐप के काम करने के तरीके और वसूली प्रक्रिया से अच्छी तरह से वाकिफ था।

 

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