कब्रिस्तान पहुंच कर पूर्वजो से मांगा दस्तावेज का सबूत

डीएन ब्यूरो

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी की खिलाफत कर रही कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने यहां विरोध का अनूठा तरीका इजाद किया जब उन्होने कब्रिस्तान जाकर पूर्वजों से अपनी नागरिकता का सबूत देने की दुआ की।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर


प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी की खिलाफत कर रही कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने यहां विरोध का अनूठा तरीका इजाद किया जब उन्होने कब्रिस्तान जाकर पूर्वजों से अपनी नागरिकता का सबूत देने की दुआ की।

 

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कांग्रेस नेता हसीब अहमद ने शुक्रवार को बताया कि वह और कुछ मुस्लिम युवा भी दो दिन पहले सीएए के विरोध में कब्रिस्तान गए और अपने पूर्वजों से अपनी नागरिकता का सबूत देने के लिए रोते हुए दुआ की।

अहमद ने कहा “ हमारे पास दस्तावेज नहीं हैं और हम पीढियों से भारत में रह रहे हैं। हम अपने पूर्वजों से गवाही देने के लिए कह रहे हैं कि हम इस देश के नागरिक हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अगर हमें डिटेंशन सेंटर भेजा जाता है तो हमारे पूर्वजों के अवशेष को भी वहां रखा जाए। हमारे लोगों ने देश के लिए अपनी कुर्बानियां दी हैं। उसे कैसे नकारा जा सकता है। ”

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कांग्रेसी नेता ने कहा कि जिस तरह सीएए-एनआरसी को लेकर विवाद हो रहा है उससे उन्हें डर है कि उन्हें डिटेंशन कैंप में न भेज दिया जाए। उनके पास दस्तावेज भी नहीं हैं। श्री हसीब ने कहा कि एनआरसी और सीएए को लेकर देश के अंदर विभाजन की राजनीति चल रही है। हमारे पास सरकार को दिखाने के लिए कोई कागजात नहीं है।  (वार्ता)










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