शर्मनाक: सरकारी व्यवस्था हुई अपंग, एम्बुलेंस न मिलने पर जुगाड़ के लिए मजबूर हुए पीड़ित, जानें कैसे ले गए शव

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक सुदूर इलाके में 23 वर्ष के एक व्यक्ति के शव को खाट से बांधकर दोपहिया वाहन पर ले जाना पड़ा, क्योंकि उसके परिवार को एम्बुलेंस या शव वाहन नहीं मिल सका। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

घटनास्थल की तस्वीर
घटनास्थल की तस्वीर


गढ़चिरौली: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक सुदूर इलाके में 23 वर्ष के एक व्यक्ति के शव को खाट से बांधकर दोपहिया वाहन पर ले जाना पड़ा, क्योंकि उसके परिवार को एम्बुलेंस या शव वाहन नहीं मिल सका।

एक जिला अधिकारी ने दावा किया कि मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्य दोपहिया वाहन पर शव के साथ कुछ ही दूर गए थे कि एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई।

उक्त व्यक्ति भामरागढ़ तालुका के कृष्णर गांव का निवासी था तथा उसका तपेदिक का इलाज चल रहा था और 20 जुलाई को हेमलकासा के एक निजी अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।

खबरों के अनुसार, व्यक्ति के परिवार को उसके शव को अस्पताल से ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली, तो उन्होंने शव को अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाने के लिए दोपहिया वाहन पर एक खाट बांधी।

जिले के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि परिवार शव वाहन या एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिए नगर परिषद या स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से संपर्क नहीं कर सका और शव को खुद ही ले जाने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि पुलिस के एक गश्ती वाहन ने दोपहिया वाहन को देखा और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिए तालुका स्वास्थ्य अधिकारी को फोन किया।

अधिकारी ने कहा कि इसके बाद एक एम्बुलेंस का चालक अन्य औपचारिकताओं के लिए शव को एक सरकारी अस्पताल ले गया और फिर अंतिम संस्कार के लिए 17 किलोमीटर दूर पहुंचाया।

अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह एक दूरदराज का इलाका था जहां उचित मोबाइल नेटवर्क का अभाव था, इसलिए परिवार ने शव को खुद ही ले जाने का फैसला किया होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही इस मामले की जानकारी हुई आवश्यक सहायता प्रदान की गई।










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