निर्वाचन आयोग सोमवार को राजनीतिक दलों के समक्ष ‘रिमोट वोटिंग मशीन’ का करेगा प्रदर्शन

निर्वाचन आयोग सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरवीएम) का प्रोटोटाइप दिखाएगा।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 January 2023, 5:08 PM IST
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नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरवीएम) का प्रोटोटाइप दिखाएगा।

आयोग ने आठ मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दलों और 57 मान्यताप्राप्त राज्यस्तरीय दलों को सोमवार सुबह एक प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया है। पत्र में कहा गया है कि उन्हें ‘‘रिमोट वोटिंग का इस्तेमाल करके घरेलू प्रवासियों की मतदाता भागीदारी में सुधार पर चर्चा’’ के लिए आमंत्रित किया गया है।

रिमोट ईवीएम के प्रदर्शन के दौरान निर्वाचन आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के लिए विभिन्न दलों को आमंत्रित करते हुए आयोग ने प्रौद्योगिकी पर एक अवधारणा नोट भी जारी किया था।

आरवीएम के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर दलों को जनवरी के अंत तक अपने विचार लिखित रूप में देने को कहा गया था। यदि हितधारकों से परामर्श के बाद इसे लागू किया जाता है, तो प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिलों की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने दूर-दराज के मतदान केंद्रों पर डाले गए वोट की गिनती और दूसरे राज्यों में रिटर्निंग ऑफिसर को उनके प्रसारण को एक ‘‘तकनीकी चुनौती’’ बताया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि आरवीएम को मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर आधारित ‘‘एक मजबूत, त्रुटिहीन और प्रभावी स्टैंड-अलोन सिस्टम’’ के रूप में विकसित किया जाएगा और यह इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) द्वारा विकसित बहु-निर्वाचन रिमोट ईवीएम एक दूरस्थ मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है।

ईसीआईएल और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड दो सार्वजनिक उपक्रम हैं जो ईवीएम का निर्माण करते हैं। आरवीएम एम3 (मार्क 3) ईवीएम के मॉडल का एक संशोधित संस्करण है, जो घरेलू प्रवासियों के लिए दूरस्थ मतदान केंद्रों-घरेलू निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के मतदान केंद्रों पर मतदान को सक्षम बनाता है। निर्वाचन आयोग ने पिछले महीने कहा था कि पहल अगर लागू की जाती है, तो प्रवासियों के लिए ‘‘सामाजिक परिवर्तन’’ हो सकता है।