खरगे के अध्यक्ष चुने जाने के आठ महीने बाद भी है नयी सीडब्ल्यूसी का इंतजार
करीब 24 साल बाद गांधी परिवार से इतर कांग्रेस अध्यक्ष बने मल्लिकार्जुन खरगे के निर्वाचन के आठ महीने उपरांत भी पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन नहीं हो सका है, जबकि अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कुल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
नई दिल्ली: करीब 24 साल बाद गांधी परिवार से इतर कांग्रेस अध्यक्ष बने मल्लिकार्जुन खरगे के निर्वाचन के आठ महीने उपरांत भी पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन नहीं हो सका है, जबकि अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कुल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी को लेकर मंथन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है और जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है।
पार्टी में सीडब्ल्यूसी की जगह फिलहाल संचालन समिति काम कर रही है जिसमें पिछली सीडब्ल्यूसी के अधिकतर सदस्य शामिल हैं।
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 वर्षीय खरगे ने 17 अक्टूबर को हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को पराजित किया था। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। इसमें 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था।
खरगे ने पिछले साल 26 अक्टूबर को औपचारिक रूप से पदभार संभाला था।
यह पूछे जाने पर कि नयी सीडब्ल्यूसी का गठन कब तक हो जाएगा तो कांग्रेस के एक नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पार्टी में संगठनात्मक बदलावों को लेकर चर्चा लगातार जारी है। जल्द ही कार्य समिति की घोषणा की जा सकती है।’’
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उनका यह भी कहना है, ‘‘नयी सीडब्ल्यूसी का गठन सभी राजनीतिक, सामाजिक औेर क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।’’
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी के गठन में समय लगने के पीछे जो प्रमुख वजहें हैं उनमें पिछले कुछ विधानसभा चुनाव और राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने से जुड़े विषय शामिल हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उदयपुर चिंतन शिविर और फिर रायपुर महाधिवेशन में संगठन को लेकर जो खाका पेश किया गया था, उसकी झलक नयी सीडब्ल्यूसी में दिखेगी।
पार्टी ने उदयपुर चिंतन शिविर में सीडब्ल्यूसी समेत संगठन के सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को देने और महिलाओं, पिछड़ों, अनुसचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों को भी उचित प्रतिनिधित्व देने का संकल्प लिया था।
नयी सीडब्ल्यूसी का गठन अभी भले ही नहीं हो सका हो, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने पिछले कुछ महीनों में कुछ प्रदेशों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्तर पर भी कुछ नियुक्तियां की हैं।
उन्होंने हाल ही में राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया तो दीपक बाबरिया को हरियाणा एवं दिल्ली के लिए एआईसीसी के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी।
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पिछले साल दिसंबर में खरगे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को छत्तीसगढ़ के लिए एआईसीसी का महासचिव एवं प्रभारी तथा पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान के लिए प्रभारी नियुक्त किया था।
राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष बनने के करीब सात महीने बाद सीडब्ल्यूसी का गठन किया था। वह दिसंबर, 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए थे और जुलाई, 2018 में कार्य समिति की घोषणा की थी।
खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस को शानदार जीत मिली है। अगले लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं।