

उत्तर प्रदेश पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हो चुके कुख्यात अपराधी विकास दुबे के विगरु गांव में स्थित घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवाआर गायब है। पढिये, इस घटना से जुड़ा ताजा अपडेट..
कानपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल कुख्यात अपराधी विकास दुबे की धरपकड़ के लिये यूपी पुलिस ने अपना अभियान तेज कर दिया है। विकरु गांव में इस अपराधी द्वारा पुलिस पर की गयी फायरिंग के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि विकरु गांव में विकास दुबे के आलीशन घर पर कई सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, लेकिन इन कैमरों का डीवीआर (Digital Video Recorder) गायब है।
पुलिस की जांच में विकास दुबे के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे बेहद अहम माने जा रहे थे। लगभग दो बीघा जमीन पर बने इस कुख्यात अपराधी के आलीशान घर और उसके आसपास लगे लगभग दो दर्जन से अधिक सभी कैमरों के डीवीआर गायब होने से पुलिस की जांच को बड़ा धक्का लगा है। डीवीआर में ही सभी रिकॉर्डड वीडियोज स्टोर होते है, जिसे बाद में एक्सस कर पूरे सीन और गतिविधियों को आसानी देखा जा सकता है। इस मामले में डीवीआर के गायब होने को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गये हैं।
यूपी पुलिस के आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने की घटना का वक्त जिस तरह तेजी के साथ आगे बढ रहा है, उसी तरह अपने साथियों के खोने को लेकर पुलिस का गुस्सा भी लगातार बढता जा रहा है। लिहाजा पुलिस सर्च अभियान को तेज करने में जुटी है।
पुलिस मोस्ट वांटेड विकास दुबे को पकड़ने के लिये अब अपना हर हथियार आजमाने की योजना बना रही है। सूत्रों की मानें तो अगले कुछ घंटे इस वारदात के सुलझाने में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। पुलिस कुख्यात विकास दुबे को हर हाल में जल्द से जल्द जिंदा या मुर्दा पकड़ना चाहती है। इसके अलावा पुलिस कई अन्य गुप्त प्लान और रणनीतिक रूप से आगे बढकर भी काम कर रही है, जिसमें विकास दुबे के सामने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से ऐसी परिस्थितियां क्रियेट करना भी शामिल हैं, ताकि वह खुद सामने आकर हथियार डालने को मजबूर हो सके और पुलिस उसे गिरफ्तार कर सके।
चौबेपुर थानाक्षेत्र के विकरु गांव के लोगों में घटना के दूसरे दिन भी दहशत है। ग्रामीणों में कुख्यात विकास दुबे का कितना खौफ है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गांव का कोई भी व्यक्ति विकास दुबे के बारे में बात नहीं करना चाहता, खासकर उसके बारे में किसी भी तरह की जानकारी देने से हर कोई बच रहा है। इसी भय के कारण पुलिस को भी ग्रामीणों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसलिये पुलिस अब अपने स्तर पर ही हर वो हथियार आजमाने की योजना बना रही है, जिससे विकास दुबे तक पुलिस की पहुंच आसान हो सके।
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