Shardiya Navratri 2022: दिल्ली के कालीबाड़ी मंदिर में धूमधाम से मनाई जाती है दुर्गा पूजा, जानिये इस मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातें

डीएन ब्यूरो

शारदीय नवरात्रि की तैयारियां पूरे देश में जोरो-शोरों से हो रही हैं। दिल्ली के कालीबाड़ी मंदिर में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। कालीबाड़ी मंदिर के बारे में रोचक बातें जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये खास रिपोर्ट

दिल्ली कालीबाड़ी मंदिर (फाइल फोटो)
दिल्ली कालीबाड़ी मंदिर (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होती है। नवरात्रि शुरू होते ही पूरे भारत में नवरात्रि और दशहरा का 10 दिवसीय उत्सव शुरू हो जाता है। भारत के पूर्वी राज्यों में नवरात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। जगह-जगह दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं।

सीआर पार्क इलाके में दुर्गा पूजा की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। मूर्तिकार मां दुर्गा की मूर्ति को अंतिम आकर देने में जुटे हुए हैं। मुर्तिकार मां दुर्गा के साथ माता सरस्वती, मां लक्ष्मी आदि मूर्तियों की भी तैयारियां कर रहे हैं।

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दुर्गा पूजा की असली धूम पश्चिम बंगाल में देखने को मिलती है। अगर बात की जाए दिल्ली की तो दिल्ली भी बंगाली संस्कृति का प्रमुख केंद्र है। मंदिर मार्ग स्थित नई दिल्ली काली बाड़ी मंदिर बेहद खूबसूरत ढ़ंग से सजाया जाता है। इस बार भी काली बाड़ी मंदिर में जोरो-शोरों से तैयारियां चल रही हैं। यह दिल्ली-एनसीआर मे स्थापित मां काली का सबसे पुराना मंदिर है।

दिल्ली का पहला कालीबाड़ी मंदिर

यह मंदिर दिल्ली का पहला कालीबाड़ी मंदिर है। इस मंदिर को कोलकाता में स्थित कालीघाट काली मंदिर से प्रेरित होकर बनाया गया है। मंदिर समिति की औपचारिक स्थापना सन् 1935 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को प्रथम अध्यक्ष बनाकर की गई थी। मंदिर का उद्घाटन श्री मनमाथ नाथ मुखर्जी द्वारा की गई थी। इसके बाद मंदिर की स्थापना 22 अक्टूबर, 1938 में की गई थी।

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कालीबाड़ी मंदिर में है शिवालय

कालीबाड़ी मंदिर में शिवालय भी है। शिवालय की स्थापना 27 फरवरी, 1964 को हुआ था। यह धाम मां काली मंदिर के बाईं तरफ स्थित है। इसके अलावा मंदिर परिसर के साथ ही पुराना पुस्तकालय तथा रीडिंग रूम की व्यवस्था भी है। साथ ही बंगाली धार्मिक यात्रियों के विश्राम हेतु धर्मशाला भी बनी हुई है।

बता दें कि कालीबाड़ी का मूल मंदिर वर्तमान समय के अनुसार बंगला साहिब रोड पर स्थित था, जहां स्थानीय बंगाली समुदाय वार्षिक दुर्गा पूजा के लिए एकत्र हुआ करते थे। वर्तमान में मंदिर की स्थापना के बाद पुराने कालीबाड़ी को यहां स्थानांतरित कर दिया गया। कालीबाड़ी मंदिर नई दिल्ली के प्रसिद्ध श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिड़ला मंदिर) के निकट स्थित है।










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