मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होमगार्डों की नियुक्ति पर अमल न होने से हुआ कुशीनगर हादसा

डीएन संवाददाता

प्रदेश के कुशीनगर जिले में हुई घटना के बाद प्रशासनिक विफलताओं की पोल खोलकर रख दी है। इस घटना के बाद दिसंबर 2017 में डीजी होमगार्ड की तरफ से जारी सर्कुलर को लेकर भी अब सवाल उठ रहें है। पूरी खबर..



लखनऊ: प्रदेश के कुशीनगर हादसे के बाद से सरकारी अफसरों और शिक्षा माफियाओं के बीच चल रहा अवैध गठजोड़ सामने आ गया है। इस हादसे के बाद सरकार ने कुशीनगर के एआरटीओ, एबीएसए समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जबकि स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है।  

कुशीनगर हादसे को लेकर सपा प्रवक्ता तारिक सिद्दीकी ने बताया पिछले साल दिसंबर 2017 में डीजी होमगार्ड की तरफ से एक सर्कुलर जारी कर कहा गया था, जिसमें बताया गया था जो भी मानव रहित रेलवे क्रासिंग हैं, वहां पर होमगार्ड को तैनात किया जाएगा, ताकि रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाले हादसों को रोका जा सकें। मगर सरकार की इस योजना पर भी सही अमल नहीं किया और ये दर्दनाक हादसा हो गया।  

कुशीनगर हादसे को लेकर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि  पूरे देश भर में 1 हजार से ज्यादा मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग्स में से आधे से अधिक क्रासिंग में फ्लाईओवर या अंडरपास बना दिए गए हैं और जबकि शेष रेलवे क्रासिंग पर काम किया जा रहा है। इस हादसे में पीड़ित परिवार को यूपी सरकार की तरफ 2 लाख रूपए और केंद्र सरकार की तरफ से 2 लाख रुपये की मदद दी गई है और यदि किसी को और अधिक मदद की दरकार होगी तो यूपी सरकार इस से भी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने पूरे मामले को को प्रशासन की बड़ी चूक मानते हुए आने वाले समय में इसे दूर किए जाने की बात कही।  










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