DN Exclusive: प्रयागराज शूटआउट की इनसाइड स्टोरी, सदाकत ने उगला राज और अरबाज का हुआ काम तमाम

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की गोलियों से भूनकर की गयी निर्मम हत्या में पुलिस को पहली बड़ी सफलता मिली है और वारदात में शामिल अपराधी अरबाज को मुठभेड़ में मार गिराया गया। हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाहता है कि पुलिस अरबाज की गर्दन तक पहुंची कैसे? पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 February 2023, 6:30 PM IST
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लखनऊ/प्रयागराज: शुक्रवार को प्रयागराज में हुआ उमेश पाल हत्याकांड इन दिनों देश भर में चर्चा के केन्द्र में है। इस हत्याकांड के चौथे दिन प्रयागराज पुलिस ने वारदात में शामिल एक अपराधी अरबाज को सोमवार की दोपहर प्रयागराज के धूमनगंज थाना अंतर्गत नेहरू पार्क के जंगल में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। 

लेकिन सवाल यह है कि पुलिस को यह सफलता मिली कैसी? कैसे अरबाज का नाम पुलिस के जेहन में आया क्योंकि न तो किसी सीसीटीवी में अरबाज का चेहरा दिखा और न ही एफआईआर में कहीं उसका जिक्र है। फिर पुलिस को उस पर शक कैसे हुआ?

डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इसकी तहकीकात की तो पुलिसिया सूत्रों ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड में नामजद शार्प शूटर गुलाम का एक करीबी गुर्गा है सदाकत। मूल रुप से यह गाजीपुर का है लेकिन इसने अपना ठिकाना बना रखा है प्रयागराज के मुस्लिम हास्टल को। इसी हास्टल के कमरे में शूटआउट कांड में शामिल अपराधियों की बैठकबाजी होती थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक सदाकत ने उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग और रेकी में अहम भूमिका निभायी। 

शातिर दिमाग सदाकत घटना का ब्लूप्रिंट तैयार करने के बाद हत्याकांड से पहले ही गोरखपुर भाग निकला। वारदात के बाद यूपी एसटीएफ ने उसे गोरखपुर से धर दबोचा और फिर उससे सच्चाई उगलवायी।

यूं पहुंची अरबाज तक पुलिस

पुलिस सूत्रों के अनुसार सदाकत ने राज खोला कि वारदात में इस्तेमाल क्रेटा गाड़ी को अरबाज ही ड्राइव कर रहा था लेकिन उसकी कहीं कोई फोटो कैद नहीं हुई, यही कारण था कि वह निश्चिंत होकर प्रयागराज में पड़े रहा और फरार नहीं हुआ। 

पुलिस को जब सटीक लोकेशन मिली तो फिर मुठभेड़ में इसे मार गिराया गया। इसी को कहते हैं कि अपराधी कितना ही शातिर क्यों ना हो कानून के लंबे हाथों से नहीं बच सकता।