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DN Exclusive: महराजगंज में खड़ी फसल जलने से किसानों के सपने हुए राख, बेटियों की नहीं उठ सकी डोली, बेटों की टली बारात

यूपी के महराजगंज जनपद में खेतों में खड़ी गेहूं की खड़ी फसल आग की भेंट चढ़ जाने के कारण यहां के कई किसान भुखमरी के कगार पर है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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DN Exclusive: महराजगंज में खड़ी फसल जलने से किसानों के सपने हुए राख, बेटियों की नहीं उठ सकी डोली, बेटों की टली बारात

महराजगंज: जनपद में कुछ महीनों पहले की किसानों की खेत मे खड़ी गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ गई थी। फसल राख होने के कारण ये किसान इब अफसरों की लापरवाही के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गये है। पीड़ित किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है। स्थिति ऐसी है कि किसान अपने बेटे-बेटियों की शादी-ब्याह टालने तक को विवश हो गये हैं। सरकार के द्वारा जो अनुदान मिलने वाला था, वह भी अफसरों की लापरवाही से अधर में लटका हुआ हैं। 

सदर ब्लॉक के गीदहा गांव के किसान इन दिनों नये और भारी संकट जूझ रहे हैं। खेत मे खड़ी सैकड़ों एकड़ गेंहू की फसल आग की भेंट चढ़ जाने के बाद किसानों के सपने भी जैसे जलकर राख हो गये हैं। फसल जल जाने से कई किसान अपनी बेटियों के हाथ पीले नहीं कर पा रहे हैं। वहीं कई बेटों की बारात भी नही पा रही है। पूरे परिवार पर खाने को लाले पड़े है। 

अनुदान न मिलने और पैसा न होने के कारण इन किसानों के सामने अब आगे की खेती करने की नई समस्या खड़ी हो गई है। उनके पास खेती करने समेत बीज-खाद और चीजों के लिए पैसा नहीं है। फसल जलने से किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है। 

आग से फसल जलने के बाद सरकार की तरफ से पीड़ित किसानों को जो अनुदान मिलना था, वह अब भी अधर में लटका हुआ हैं। जिम्मेदार अफसरों की लेट-लतीफी के कारण किसानों का संकट बढ़ता जा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ पर अपनी पीड़ा बयां करते-करते कुछ किसान फफक पड़े। उनका कहना है कि अधिकारियों ने खेती और फसल के संबंध में जो-जो कागजात मांगे थे, सब उनको दे दिये गये। लेकिन मंडी समिति और कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही से अब तक अनुदान की राशि नही मिली। 

जानकारी के अनुसार किसानों को 12 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से और 5 एकड़ तक 40 हजार तक मिलना है लेकिन अफसरों की लापरवाही इसमें बाधा बनी हुई है।

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