प्रदेश अध्यक्ष और विपक्ष के नेता की नियुक्ति के बाद भाजपा में असंतोष : सिद्धरमैया

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में बी वाई विजयेंद्र और विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में आर अशोक की नियुक्ति के बाद उस पार्टी के अंदर असंतोष की आग भड़क उठी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया


बगलकोट: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में बी वाई विजयेंद्र और विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में आर अशोक की नियुक्ति के बाद उस पार्टी के अंदर असंतोष की आग भड़क उठी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वह असंतुष्ट भाजपा नेताओं के संपर्क में नहीं हैं और उन्होंने उनमें से किसी को भी कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया है।

सिद्धरमैया ने राज्य भाजपा में पनप रहे असंतोष के बारे में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष और अशोक को विपक्ष का नेता बनाए जाने के बाद, भाजपा में अंदर से आग लग गई है। कई लोग असंतुष्ट हो गये हैं। कोई नहीं कह सकता कि क्या होगा - क्या यह आग पार्टी को जला देगी नीचे से - मुझे नहीं पता, लेकिन आग पकड़ ली है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या असंतुष्ट भाजपा नेता कांग्रेस का दरवाजा खटखटा रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को भी पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं करेंगे। अगर वे हमारे नेतृत्व और विचारधारा को स्वीकार करते हुए पार्टी में शामिल होने के लिए खुद आगे आते हैं, तो हम उन्हें शामिल करेंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उनमें से किसी ने पार्टी में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि न तो उन्होंने किसी से संपर्क किया है, न ही किसी ने उनसे संपर्क किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अपने राजनीतिक जीवन में, मैने किसी को भी पार्टी में शामिल होने के लिये आमंत्रित नहीं किया। किसी भी व्यक्ति को विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिये। अगर कोई भाजपा में है, तो उसे भाजपा की विचारधारा को स्वीकार करना होगा। उन्हें उसे छोड़ना होगा और हमारी (कांग्रेस की) विचारधारा स्वीकार करनी होगी।’’

प्रदेश भाजपा में हुयी इन दोनों नियुक्तियों से कुछ भाजपा नेता कथित रूप से नाराज हैं, इनमें बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और रमेश जरकीहोली (दोनों विधायक), वी सोमन्ना और अरविंद लिंबावली (दोनों पूर्व मंत्री) शामिल हैं।

यतनाल ने हाल ही में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र की प्रदेश अध्यक्ष पद पर हुयी नियुक्ति के बाद नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा अगर एक परिवार की पार्टी बन जाती है तो पार्टी कार्यकर्ता और हिंदू कार्यकर्ता इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

पिछले सप्ताह वरिष्ठ विधायक अशोक को नए नेता के रूप में चुने जाने से पहले ही यतनाल, रमेश जरकीहोली के साथ भाजपा विधायक दल की बैठक छोड़कर बाहर चले गये थे।

यतनाल ने बैठक से पहले मांग की थी कि विधानसभा में विपक्ष का नेता उत्तर कर्नाटक से होना चाहिये ।










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