

जिस पीएम मोदी और सीएम योगी के कार्यकाल की लोग तारीफ करते नहीं थकते, जिस जोड़ी के दम पर पिछले 9 साल से महराजगंज जिले में भाजपा अपराजेय थी वहां ऐसी कौन सी बड़ी गड़बड़ी हुई कि सीएम की दो-दो जनसभा, केन्द्रीय मंत्री और सदर विधायक का गली-गली घूमना भी भाजपा जिलाध्यक्ष की पत्नी को बुरी हार से बचा नहीं पाया। यही नहीं 25 में से 20 सीटों पर भाजपा के सभासद उम्मीदवार बुरी तरह हार बैठे। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव
महराजगंज: नतीजे आने के बाद से ही हर कोई हैरान और परेशान है। जितने मुंह उतनी बात। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि पिछले 9 साल से जब सब कुछ अच्छा चल रहा था तो फिर ऐसी कौन सी बड़ी गड़बड़ी हुई जिससे जनता भाजपा के खिलाफ हो गयी और 25 में से 20 सभासद उम्मीदवारों को बुरी तरह तो हराया ही साथ ही कड़ी मेहनत करने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष परदेशी रविदास की सीधी-साधी और सरल उम्मीदवार पत्नी उर्मिला देवी को सत्ता होने के बावजूद 4203 वोटों के बहुत बड़े अंतर से हरा दिया।
महराजगंज की सीट को जीतने के लिए चुनाव के दरम्यान सीएम ने खुद गोरखपुर में महराजगंज के संगठन के नेताओं की मीटिंग ली थी। 20 दिन में सीएम की दो-दो जनसभा महराजगंज नगर में हुई। केन्द्रीय मंत्री ने सदर विधायक के साथ मिलकर गली-गली प्रचार किया। अपनी पूरी टीम लगायी लेकिन नतीजा शून्य निकला।
Maharajganj Nikay Chunaw Highlights:
1. महराजगंज नगर पालिका में चर्चाओं का बाजार गर्म, पांच साल के निवर्तमान चेयरमैन का विवादों से भरा कार्यकाल पड़ गया भाजपा प्रत्याशियों पर भारी, चेयरमैन से लेकर 20 सभासद की सीट तक बुरी तरह हारी भाजपा, अपने लड़के तक को निवर्तमान चेयरमैन नहीं…
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) May 14, 2023
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने नगर के तमाम लोगों से भाजपा की इस हार पर बात की तो लोगों ने बताया कि 2017 में प्रचंड सत्ता के बावजूद भाजपा के चेयरमैन प्रत्याशी महज 995 वोट से यहां से जीते थे लेकिन चेयरमैन की कुर्सी पर बैठते ही उनका रंग-ढ़ंग बदल गया। नगर के अधिकांश लोग उनकी विवादित कार्यप्रणाली से तेजी से नाराज होने लगे। उनके हर फैसले के पीछे एक 'खास' एजेंडा था, यही कारण है कि उनके कार्यकाल से आम जनता बुरी तरह नाराज हो गयी।
अहंकार से भरे निवर्तमान चेयरमैन के विकास के खोखले दावे की पोल जनता ने इनके लड़के को सभासदी के चुनाव में निर्दलीय के हाथों बुरी तरह से हराकर खोल दी।
अभी तीन दिन पहले ही पुरानी तहसील की सरकारी संपत्ति को कथित टेंडर के नाम पर नगर पालिका की सरकारी गाड़ी से ढ़ुलाई कराने का मामला आधी रात को नगरवासियों को पकड़ा था।