DN Exclusive: एशिया की सबसे सुरक्षित और अत्याधुनिक तिहाड़ जेल की कुछ अनसुनी बातें
दक्षिण एशिया की अति सुरक्षित और देश की अत्याधुनिक तिहाड़ जेल का नाम तो आपने सुना ही होगा। तिहाड़ जेल में अब तक कई कुख्यात आतंकवादियों से लेकर अपराधी सजा काट चुके हैं वहीं कई नेता भी इस जेल के मेहमान रह चुके हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें तिहाड़ जेल की खासियतें
नई दिल्लीः दक्षिण एशिया की सबसे सुरक्षित और बड़ी तिहाड़ जेल का नाम सुनते ही हर किसी के मन में भय उठ जाता है। इस जेल में सुरक्षा के सबसे ज्यादा बंदोबस्त है। इस जेल में कई कई आतंकवादी, शातिर औऱ कुख्यात अपराधियों के अलावा कई बड़े नेता और शख्सितें भी सजा काट चुकी है। इस जेल की कई खासियतें भी है, जिनको जानकर हर किसी को हैरानी हो सकती है।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें तिहाड़ जेल की खासियत
1. तिहाड़ जेल दिल्ली के हरिनगर और जनकपुरी के बीच में पड़ती है। 1958 में बनी तिहाड़ में बंद कैदियों का जिम्मा पंजाब सरकार द्वारा संभाला जा रहा था। लेकिन 1966 में इसके तंत्र को बदलकर इसे केंद्र शासित दिल्ली प्रदेश के दे दिया गया। 1984 के अपने शुरुआती चरण में इसमें कैदियों के लिए कुछ कारागार बनाए गए थे, लेकिन बाद के सालों में कैदियों की तादाद बढ़ने से नए कारागार बनाए गए और तब से इसे भारत ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी जेल के नाम से जाना जाता है।
2. इस जेल का संचालन दिल्ली सरकार का कारागार विभाग करता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से देखा जाए तो यह काफी लंबे क्षेत्र में बनाई गई जेल में जिसके भीतर 9 राष्ट्रीय कारागार बनाए गए हैं। इसके लिए एक जिला कारागार भी बनाया गया है जो कि उत्तर पश्चिचमी दिल्ली के रोहिणी में है, जिसे रोहिणी कारागृह कॉम्पलेक्स के नाम से भी जाना जाता है।
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3. पिछले महीने अगस्त 2018 को दिल्ली गृह विभाग की तरफ से कैदियों की संख्या को लेकर विधानसभा को दी गई जानकारी के अनुसार तिहाड़ में कैदियों को रखने की कुल संख्या 5200 है। बावजूद देशभर में बढ़ रहे अपराधों के कारण यहां संख्या से दोगुना यानी 10465 कैदी बंद है। इसमें 1670 कैदी एवं विचाराधीन बंदी शामिल है। यहां बनी 9 कारागारों में 303 बैरक और 833 सेल हैं।
4. तिहाड़ में लूट, हत्या, दुष्कर्म, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल, धोखाधड़ी समेत कई अन्य मामलों में शामिल हाई- प्रोफाइल क्राइम करने वाले कैदी सजा काट रहे हैं।
5. तिहाड़ में संजय गांधी, इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके अंगरक्षक सतवंत सिंह और बेअंत सिंह जिन्हें बाद में फांसी की सजा हुई थी, चार्ल्स शोभराज, सुरेश कलमाणी, अमर सिंह, टू- जी स्पेक्ट्रम में शामिल ए. राजा, एम. के. कनिमोझी, विनोद गोयनका, शाहिद बालवा, संजय चंद्रा आदि सजा काट चुके हैं। वहीं कन्हया कुमार, लालू प्रसाद यादव, सुब्रतो रॉय, सुधीर चौधरी समेत कई अन्य लोग सजा काट चुके हैं।
6. भारत की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी जब 1990 के समय तिहाड़ जेल की इंसपेक्टर जनरल बनी थी तो उन्होंने यहां कैदियों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए थे। साथ ही उन्होंने तिहाड़ को जेल नहीं बल्कि इसे तिहाड़ आश्रम का नाम दिया था। तिहाड़ में अपने बेहतर नेतृत्व के लिए किरण बेदी को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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7. तिहाड़ में हमेशा 3 से 4 लेयर की सुरक्षा में जवान तैनात रहते हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस, तमिलनाडू पुलिस बल, अर्धसैनिक बल जिनमें- आईटीबीपी और सीआरपीएफ प्रमुख है।
(डाइनामाइट न्यूज़ की कल की रिपोर्ट में पढ़ें, आखिर अब क्यों बदनाम हो रही है तिहाड़ जेल)