शाहीन बाग: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सार्वजनिक स्थानों पर नहीं हो सकता अनिश्चितकाल तक धरना-प्रदर्शन

डीएन ब्यूरो

शाहीन बाग में हुए धरने-प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। देश की शीर्ष अदातल ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल तक प्रदर्शन नहीं हो सकता है। पढिये पूरी रिपोर्ट..

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए धरना-प्रदर्शन को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल तक कोई भी प्रदर्शन नहीं हो सकता है, फिर चाहे वो शाहीन बाग हो या कोई और जगह।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है लेकिन उन्हें निर्धारित क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। संविधान विरोध करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्धारित जगहों पर ही धरना-प्रदर्शन किया जाना चाहिए। प्रदर्शन के जरिये आने-जाने के अधिकार को रोका नहीं जा सकता है। विरोध प्रदर्शन और आने-जाने के अधिकार में संतुलन जरूरी है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल तय स्थानों पर ही प्रदर्शन होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर प्रदर्शन के नाम पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है और किसी भी तरह के आवागमन के अधिकार को अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता। 

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पास किया गया था। इस कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किए गए। शाहीन बाग में दिसंबर से मार्च तक लंबा धरना-प्रदर्शन चला और आवागमन पूरी तरह बाधिता रहा। कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते यह प्रदर्शन बंद हुआ। 

शाहीन बाग में सार्वजनिक स्थान पर धरना-प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी, जिस पर कोर्ट ने आज फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शाहीन बाग में चले प्रदर्शन को गलत करार दिया, क्योंकि इसका आयोजन सार्वजनिक स्थल पर किया गया।   
 










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