Wrestler Protest: दिल्ली पुलिस ने बताया- पहलवानों को क्यों लिया गया हिरासत में, क्या-क्या लिखा FIR में, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

प्राथमिकी के अनुसार, कम से कम 15 सुरक्षाकर्मी रविवार को उनके और पहलवानों के बीच हाथापाई के दौरान घायल हो गए। पहलवानों ने जंतर-मंतर पर ही विरोध जारी रखने के पुलिस के अनुरोध को भी नजरअंदाज किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पुलिस ने पहलवानों को जबरन हटाया
पुलिस ने पहलवानों को जबरन हटाया


नयी दिल्ली: पहलवानों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उन्होंने पुलिस की उस चेतावनी को नजरअंदाज किया जिसमें कहा गया था कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान हंगामा करने से ‘‘राष्ट्र की प्रतिष्ठा को नुकसान’’ पहुंचेगा और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन उन्होंने इस चेतावनी पर गौर नहीं किया और मार्च निकालने की कोशिश की।

पहलवानों को रविवार को उनके मार्च के दौरान हिरासत में लिया गया था, हालांकि बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।

ये पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

प्राथमिकी के अनुसार, कम से कम 15 सुरक्षाकर्मी रविवार को उनके और पहलवानों के बीच हाथापाई के दौरान घायल हो गए। पहलवानों ने जंतर-मंतर पर ही विरोध जारी रखने के पुलिस के अनुरोध को भी नजरअंदाज किया।

ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने रविवार को हिरासत में लिए जाने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘ इस देश में तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा।’’

पुलिस ने बताया कि नई दिल्ली जिले के बाराखंभा थाने में तैनात हेड कांस्टेबल माधव की शिकायत पर साक्षी, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, बजरंग पुनिया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

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प्राथमिकी के अनुसार, विरोध कर रहे पहलवानों के साथ हाथापाई के दौरान माधव घायल हो गए थे। पहलवानों को हिरासत में लेते समय उनके बीच हाथापाई हो गई थी।

प्राथमिकी के अनुसार, विरोध करने वाले पहलवानों के करीब तीन किलोमीटर दूर नए संसद भवन की ओर मार्च करने की आशंका के बीच निहत्थे पुलिस कर्मचारियों को विरोध स्थल जंतर मंतर पर तैनात किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया।

प्राथमिकी में कहा गया है कि सुबह करीब साढ़े 10 बजे विरोध करने वाले पहलवानों बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य ने एक संवाददाता सम्मेलन कर घोषणा की कि वे पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे नए संसद भवन के बाहर ‘महिला सम्मान महापंचायत’ आयोजित करेंगे। उन्होने दूसरों से उसमें शामिल होने का आग्रह किया।

संवाददाता सम्मेलन के तुरंत बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे कहा कि देश की ‘‘शीर्ष लोकतांत्रिक संस्था’’ का उद्घाटन होने जा रहा है। ‘‘ यह देश के लिए गर्व तथा गौरव का विषय है और इसकी सुरक्षा तथा सम्मान से समझौता नहीं किया जाएगा।’’

प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘ प्रदर्शनकारियों से अधिकृत विरोध स्थल जंतर मंतर पर ही अपना प्रदर्शन जारी रखने का आग्रह किया गया।’’

प्राथमिकी के अनुसार, लेकिन अपनी घोषणा के अनुरूप पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य ने नारे लगाए और पुलिस के पहले अवरोधकों के पास पहुंच गए। वहां तैनात अधिकारियों ने एक सार्वजनिक घोषणा प्रणाली के माध्यम से उन्हें बताया कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या नियमों का उल्लंघन करने से ‘‘राष्ट्र की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा’’ जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पुलिस ने प्राथमिकी में कहा कि उनसे फिर से अपने अधिकृत स्थल जंतर-मंतर पर ही विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया गया क्योंकि निर्दिष्ट क्षेत्र से परे धारा 144 लागू की गई थी।

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प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘ प्रदर्शनकारियों ने बार-बार कहने के बावजूद अनुरोधों का पालन नहीं किया। वे आगे बढ़े, पहली पंक्ति के अवरोधकों को लांघ कर उन्होंने पुलिस को धक्का दिया और दूसरी पंक्ति के अवरोधक के पास पहुंचे। वहां फिर से पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे पुलिस तथा अवरोधकों को हटाते रहे। उन्होंने नारेबाजी जारी रखी और हमारी ओर दौड़ने लगे। अतिरिक्त बल वहां पहुंचा और बड़ी मुश्किल से उन पर काबू पाकर उन्हें हिरासत में लिया गया। रोकने की कोशिश के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ हाथापाई की।’’

हाथापाई के दौरान कई पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और उन्हें लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां मेडिको लीगल केस (एमएलसी) तैयार किए गए।

जंतर-मंतर पर रविवार को हाथापाई में घायल हुईं महिला कांस्टेबल सहित 15 पुलिसकर्मियों के नाम भी प्राथमिकी में दर्ज हैं।

प्राथमिकी के अनुसार, माधव (37), मनिंदर (31), विनय (27) के साथ मारपीट की गई, जबकि महिला कांस्टेबल अंजू कुमारी (25), प्रियंका (25), अविका (22), तनु (22), तृष्णा (23), अनीशा (22), सरिता (26), रोशन (22), बबीता (22), शैंकी (25), ज्योति (24) और पार्वती (22) को भी चोटें आई हैं।

प्राथमिकी में जंतर-मंतर पर हिरासत में लिए गए 109 लोगों में भारतीय किसान यूनियन चढूनी की प्रदेश अध्यक्ष सुमन हुड्डा समेत 12 प्रदर्शनकारियों के नाम और पहलवान संगीता फोगाट, विनेश फोगाट, सत्यव्रत कादियान, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया के नामों का भी उल्लेख है।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन करने से रोकना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और धारा 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पहलवानों को हिरासत में लिए जाने और विभिन्न स्थानों पर ले जाने के तुरंत बाद पुलिस कर्मियों ने जंतर-मंतर पर विरोध स्थल को साफ कर दिया। खाट, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल के साथ-साथ पहलवानों के अन्य सामान को हटा दिया गया।










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