अब सोशल मीडिया पर SC/ST के खिलाफ टिप्पणी करना पड़ेगा भारी..

अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अब सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना भारी पड़ सकता है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 5 July 2017, 12:33 PM IST
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नई दिल्ली: अनूसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ अब सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना भारी पड़ सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि एससी और एसटी के किसी व्यक्ति के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करना दण्डनीय अपराध माना जाएगा।

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यह आदेश एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए दी है। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि एससी और एसटी ऐक्ट, 1989 के तहत सोशल मीडिया पर की गई जातिगत टिप्पणियों पर भी लागू होगा। अदालत ने फेसबुक को लेकर सुनवाई के दौरान यह बात कही। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इसके दायरे में वॉट्सऐप चैट भी हो सकता है। 

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अदालत ने यह सुनवाई एक एससी महिला की याचिका पर की। महिला ने आरोप लगाया कि उसकी एक रिश्तेदार ने जो सामान्य वर्ग से है। उसे सोशल मीडिया पर परेशान कर गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रही है।

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सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी ने कहा, फेसबुक चलाने वाले अपनी सेटिंग को प्राइवेट से पब्लिक में बदलता है, जिससे उसके वॉल पर लिखी बातें सिर्फ उसके फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोग ही नही बल्कि फेसबुक यूजर्स भी देख सकते हैं। इस कारण उसे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति ऐक्ट की धारा 3(1)(एक्स) के तहत दंडनीय माना जाएगा। (एजेंसी)

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