दिल्ली की अदालत ने अपहरण, वसूली के आरोपी पुलिसकर्मियों को नहीं दी जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने दो लोगों के अपहरण, उनसे वसूली करने और उनके धर्म का अपमान करने के आरोपी पांच पुलिस कर्मियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के साथ विश्वासघात किया है जिसने उन्हें अपने नागरिकों की जान, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करने तथा उन्हें नुकसान न पहुंचाने के लिए नौकरी दी।
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने दो लोगों के अपहरण, उनसे वसूली करने और उनके धर्म का अपमान करने के आरोपी पांच पुलिस कर्मियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के साथ विश्वासघात किया है जिसने उन्हें अपने नागरिकों की जान, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करने तथा उन्हें नुकसान न पहुंचाने के लिए नौकरी दी।
विशेष न्यायाधीश समर विशाल ने दिल्ली पुलिस में काम कर रहे आरोपियों संदीप, सोमपाल, अमित कुमार, चंदर भान और अमित की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उन्होंने पहले भी शिकायतकर्ता मोहम्मद नवाब और शोएब को धमकी देने की कोशिश की थी।
आरोपियों ने इस आधार पर राहत मांगी थी कि उन्होंने शिकायकर्ताओं को बचाने की कोशिश की थी जो अपनी कार में गोमांस ले जा रहे थे और कार की एक स्कूटर से टक्कर हो गयी थी। उन्होंने दावा किया कि घटना के तुरंत बाद वहां भीड़ एकत्रित हो गयी और उन्होंने इस मुद्दे का साम्प्रदायीकरण करने की कोशिश की।
आरोपियों ने अपनी याचिका में दावा किया कि वे शिकायकर्ताओं को भीड़ से बचाने के लिए उन्हें काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित स्थान पर ले गए थे।
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अदालत ने 29 मई को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) समेत विभिन्न धाराएं लगायी है जिसके तहत उम्रकैद तक का प्रावधान है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह अपराध की गंभीरता को दिखाता है। केवल यही नहीं, बल्कि ये आरोपी पुलिस बल के सदस्य हैं जिसमें शिकायकर्ताओं को प्रभावित करने की क्षमता है और यह इस बात से साबित होता है कि शिकायकर्ता पर पत्र लिखने के लिए दबाव डाला गया कि ये आरोपी निर्दोष हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। उन्होंने राज्य से विश्वासघात किया है जिसने उन्हें अपने नागरिकों की जान, स्वतंत्रता तथा संपत्ति की रक्षा करने तथा उन्हें नुकसान न पहुंचाने के लिए नौकरी दी। इन आरोपियों ने वर्दी इसलिए पहनी कि अपराध रोका जाए न कि ऐसा किया जाए।’’
अभियोजन के अनुसार, सात मार्च 2023 को मोहम्मद नवाब और उसका रिश्तेदार शोएब अपनी कार में कथित तौर पर गोमांस लेकर जा रहे थे जो उन्होंने गाजीपुर बूचड़खाने से खरीदा था। उनकी कार की आनंद विहार इलाके में एक स्कूटर से टक्कर हो गयी थी। स्कूटर चालक ने शिकायकर्ता से नुकसान की भरपाई के लिए 4,000 रुपये मांगे थे तभी एक पीसीआर वैन वहां आयी और पुलिस कांस्टेबल संदीप ने शोएब की जेब से जबरन 2,500 निकालकर स्कूटर चालक को दे दिए।
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आरोपी ने शिकायकर्ताओं से 15,000 रुपये और मांगते हुए धमकी दी कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो वे उन्हें पुलिस थाने ले जाएंगे। इसके बाद संदीप ने सह-आरोपियों को बुलाया और दोनों को अज्ञात स्थान पर ले गए और उनकी पिटायी की। आरोपियों ने शिकायकर्ताओं के चेहरों पर कथित तौर पर पेशाब किया और उन्हें धमकी दी। उन्होंने एक शिकायतकर्ता से 25,500 रुपये भी कथित तौर पर छीन लिए।