सीएसएस फोरम ने आनंद मोहन की समय-पूर्व जेल से रिहाई पर नाराजगी जताई, जानिये पूरा मामला
केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) अधिकारियों के संगठन ‘सीएसएस फोरम’ ने गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को समय-पूर्व जेल से रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर चिंता और नाराजगी जताई है।पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) अधिकारियों के संगठन ‘सीएसएस फोरम’ ने गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को समय-पूर्व जेल से रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर 'चिंता और नाराजगी' जताई है।
आनंद मोहन को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था।
कृष्णैया 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे, जब उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। करीब 15 साल तक जेल में रहने के बाद पूर्व सांसद मोहन को 27 अप्रैल को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया।
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मोहन को बिहार सरकार की जेल नियमावली में बदलाव के बाद जेल से रिहा कर दिया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सीएसएस फोरम ने जारी एक संकल्प में कहा, 'सीएसएस फोरम कानून के अनुसार न्याय के लिए, मृतक अधिकारी के परिवार की लड़ाई में दिल से उनके साथ खड़ा है और आईएएस एसोसिएशन के संकल्प के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता है।'
इससे पहले, केंद्रीय आईएएस अधिकारी संघ, भारतीय पुलिस सेवा (केंद्रीय) अधिकारी संघ, भारतीय वन सेवा (केंद्रीय) अधिकारी संघ, भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) अधिकारी संघ, भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) अधिकारी संघ ने भी मोहन की रिहाई के खिलाफ आवाज उठाई थी। इन संगठनों ने बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
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इनके अलावा असम, छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश - गोवा : मिजोरम तथा केंद्र शासित (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस अधिकारी संघ तथा अन्य संगठनों ने भी मोहन की रिहाई का विरोध किया है।