Crime News: गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म, दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

डीएन ब्यूरो

आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में पिछले साल एक गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में दो दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

सामूहिक दुष्कर्म के दो दोषियों को 20 साल की सजा
सामूहिक दुष्कर्म के दो दोषियों को 20 साल की सजा


बापटला:  आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में पिछले साल एक गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में दो दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई गई। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस ने बताया कि गुंटूर अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत ने रेपल्ले शहर के रहने वाले पी. विजय कृष्ण और पी. निखिल को 20 साल कैद की सजा सुनाई।

बापटला के पुलिस अधीक्षक वकुल जिंदल ने बताया, 'आरोपियों के खिलाफ सुनवाई एक साल के भीतर पूरी की गई। अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और 20 साल की सजा सुनाई। इस मामले की जांच की निगरानी महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा की गई थी।' जिंदल ने भी जांच की निगरानी की थी।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता अपने पति और बच्चों के साथ प्रकाशम जिले के येरागोंडापलेम मंडल से मजदूरी के लिये कृष्णा जिले के नागयालंका गांव जाने के वास्ते पिछले साल 30 अप्रैल को रात साढ़े ग्यारह बजे रेपल्ले रेलवे स्टेशन पहुंची।

उसने बताया कि देर रात होने के कारण सभी लोग प्लेटफार्म पर ही सो गये और अगले दिन एक मई को कृष्णा और निखिल ने सो रहे परिवार को जगाया, पीड़िता के पति के साथ मारपीट की और उससे कुछ नकदी छीन ली।

पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी पीड़िता को घसीट कर प्लेटफार्म के एक कोने में ले गए, उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और भाग गए। पीड़िता के पति ने घटना की शिकायत रेपल्ले पुलिस थाने में की थी।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शिकायत दर्ज होने के कुछ घंटों के भीतर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और एक साल में सुनवाई पूरी की गई।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के राजेंद्रनाथ रेड्डी ने यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में 'अदालत सुनवाई निगरानी प्रणाली’ (कोर्ट ट्रायल मॉनिटरिंग सिस्टम) लागू की है कि महिलाओं से संबंधित अपराधों, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) और अन्य गंभीर मामलों में आरोपी कानून से बच न सकें। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली ऐसे अपराधों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ साबित करने में मददगार होगी।










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