त्रिपुरा चुनाव के बाद हिंसा को लेकर माकपा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, भाजपा पर लगाए ये आरोप

डीएन ब्यूरो

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में चुनाव बाद हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री माणिक साहा से सोमवार को मुलाकात की और दावा किया कि विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के दिन दो मार्च के बाद से विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं पर हमलों की 2,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गयी हैं।

मुख्यमंत्री माणिक साहा (फ़ाइल)
मुख्यमंत्री माणिक साहा (फ़ाइल)


अगरतला: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में चुनाव बाद हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री माणिक साहा से सोमवार को मुलाकात की और दावा किया कि विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के दिन दो मार्च के बाद से विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं पर हमलों की 2,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गयी हैं।

माकपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा कि साहा ने प्रतिनिधिमंडल को ऐसी हिंसा रोकने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।

उन्होंने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने मतगणना वाले दिन से व्यापक हिंसा देखी। हमारे राज्य में हमले, आगजनी, लूटपाट और रबड़ के बाग जलाने समेत कम से कम 2,016 हमले हुए।

उन्होंने बताया कि मतगणना वाले दिन खोवई जिले में माकपा के जिस कार्यकर्ता पर हमला किया गया था, उसने यहां जीबीपी अस्पताल में अंतिम सांस ली जबकि ऐसी हिंसा के बाद चार और लोगों की मौत हो गयी।

सरकार ने कहा, ‘‘आज, हमारे प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और एक प्रतिवेदन सौंपा, जिसमें माकपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर हिंसा का जिक्र था। उन्होंने हमें ऐसे हमले रोकने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।’’

सरकार ने कहा कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी पूर्वोत्तर राज्य में हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में अपने गिरते मत प्रतिशत को लेकर बहुत निराश दिखायी देती है।’’

वाम दल के वरिष्ठ नेता ने यह भी दावा किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में ‘‘भाजपा का आधार कम हो रहा है’’ क्योंकि पार्टी को त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में हाल में हुए चुनावों में कुल मिलाकर करीब 40 सीट मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए भाजपा हिंसा पर उतारू हो रही है।’’










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