न्यायालय ने बच्ची की कस्टडी से संबंधित उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई
उच्चतम न्यायालय ने एक बालिका की कस्टडी को लेकर झगड़े पर विचार करते हुए उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से पर रोक लगा दी है, जिसने बच्ची को गोद लेने वाले दंपत्ति को आदेश दिया था कि वे उसे उसके जैविक पिता को सौंप दें।
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एक बालिका की कस्टडी को लेकर झगड़े पर विचार करते हुए उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से पर रोक लगा दी है, जिसने बच्ची को गोद लेने वाले दंपत्ति को आदेश दिया था कि वे उसे उसके जैविक पिता को सौंप दें।
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, “उच्च न्यायालय के उस निर्देश पर अंतरिम रोक रहेगी जिसमें याचिकाकर्ताओं को अगले आदेश तक नाबालिग बच्ची की कस्टडी प्रतिवादी नंबर 2 (जैविक पिता) को सौंपने का निर्देश दिया गया है।”
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शीर्ष अदालत उस लड़की के सौतेले माता-पिता की एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जो अब लगभग 12 साल की है। इस अपील में उड़ीसा उच्च न्यायालय के तीन अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें बच्ची को उसके जैविक पिता को सौंपने के लिए कहा गया था।
शीर्ष अदालत ने बच्ची के हित में याचिका की समीक्षा करने का निर्णय लेते हुए उस व्यक्ति को नोटिस जारी किया, जिसने जैविक पिता होने का दावा किया है।
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