

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुंबई में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज पहले मामले में सभी आठ आरोपियों को यहां एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया।
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुंबई में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज पहले मामले में सभी आठ आरोपियों को यहां एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया।
शहर स्थित ओपीएम इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक और अन्य पर 2008 में दर्ज मामले में उन्हें बरी कर दिया गया।
पीएमएलए के तहत ईडी केवल तभी जांच शुरू कर सकता है जब किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ अनुसूचित अपराध - जिसे विधेय अपराध भी कहा जाता है - की पूर्व प्राथमिकी मौजूद हो।
ईडी ने 2008 में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा दर्ज मामले के आधार पर ओपीएम इंटरनेशनल, उसके निदेशक और अन्य को पीएमएलए के मामले में आरोपी बनाया था।
यह पीएमएल के तहत शहर में दर्ज पहला मामला था।
आरोपियों को अंतत: मादक पदार्थों के मामले में बरी कर दिया गया।
विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने 15 अप्रैल को सभी आरोपियों को बरी कर दिया क्योंकि ‘विधेय अपराध’ नहीं बन रहा था।
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