कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का विवादिता बयान, पढ़ें उनका ‘असुर’ और देवता वाला पूरा बयान
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने अपने एक बयान पर भारतीय जनता पार्टी के हमले के बाद सोमवार को हरियाणा की भाजपा एवं जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार पर फिर से तीखा प्रहार किया और कहा कि युवाओं के भविष्य पर ‘बुलडोजर चलाने वाले’ लोग ‘असुर’ नहीं तो क्या देवता हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने अपने एक बयान पर भारतीय जनता पार्टी के हमले के बाद सोमवार को हरियाणा की भाजपा एवं जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार पर फिर से तीखा प्रहार किया और कहा कि युवाओं के भविष्य पर ‘बुलडोजर चलाने वाले’ लोग ‘असुर’ नहीं तो क्या देवता हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बात को तिल का ताड़ बनाया गया है और वह ‘गीदड़ भभकियों’ से डरने वाले नहीं हैं तथा जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे।
सुरजेवाला ने रविवार को हरियाणा के कैथल में एक सभा को संबोधित करते हुए युवाओं को सरकारी भर्ती में कथित तौर पर अवसर नहीं मिलने का उल्लेख किया था और कहा था, ‘‘युवाओं के भविष्य को मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला मंडी में बोली लाकर बेच रहे हैं...नौकरी मत दो, मौका तो दो। भाजपा, जजपा के राक्षसों, तुम लोग राक्षस हो। जो लोग भाजपा और जजपा को वोट देते हैं और भाजपा समर्थक हैं, वे राक्षस प्रवृत्ति के हैं। मैं महाभारत की इस भूमि से आज उन्हें श्राप देता हूं।’’
उनके इस बयान के बाद भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने उन पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘भाजपा को वोट देने वालों को “राक्षस” कह रहे हैं राहुल गांधी के ख़ास सुरजेवाला। श्राप भी दे रहे हैं! कांग्रेस, उसके आलाकमान और दरबारियों की इसी मानसिक स्थिति की वजह से पार्टी और उसके नेता जनाधार खो चुके हैं। लेकिन अभी तो इन्हें जनता के दरबार में और ज़लील होना है।’’
बयान को लेकर विवाद खड़ा होने और भाजपा के हमले के बाद सुरजेवाला ने कहा कि उनकी बात को तिल का ताड़ बनाया गया है।
सुरजेवाला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भरा नहीं जो करुणा से, जिसको जनजन से प्यार नही ! शासक नहीं वह असुर है, जिसे किसान-मजदूर-अबला-युवा से प्यार नहीं !! संवाद में भावना और भावुकता शब्दों से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है, जिसे कोई संवेदनशील व्यक्ति ही समझ सकता है। ’’
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उन्होंने दावा किया, ‘‘जैसे कौरवों ने पांडवों के साथ छल करके उनके अधिकार छीने, ठीक उसी प्रकार से भाजपा-जजपा सरकार हरियाणा के 3,59,00 सीईटी (सामान्य पात्रता परीक्षा) पास युवाओं को चार साल धक्के खिलवा कर अब एक तरफ़ तो परीक्षा में बैठने से “डिस्क्वालिफ़ाई” कर रही है तो दूसरी और 6 अगस्त के पेपर के 100 में से 41 सवाल 7 अगस्त को रिपीट करवा कर तथा उसे सही बता कर युवाओं के भविष्य पर बुलडोज़र चला रही है।’’
कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘‘यही नहीं, 43 पर्चे लीक हो गए, भर्तियों में हेराफेरी हुई, लोक सेवा आयोग में अटैची कांड हुआ, करोड़ों रुपये पकड़े गए, हमारे युवाओं के भविष्य पर ऐसा ग्रहण लगाने वाले क्या हैं - असुर या फिर देवता?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यही भाजपा-जजपा सरकार जींद में गुरु रविदास, महर्षि वाल्मीकि, संत कबीर की मूर्ति तक नहीं लगाने दे रही। दलित समाज के साथ ये व्यवहार क्या देवता रूप है या फिर असुरी?’’
सुरजेवाला ने कहा कि उनके नज़रिये में हिंसा और अन्याय राक्षस प्रवृत्ति का कार्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के पौने नौ साल के कुशासन में देश का सबसे शांत प्रदेश हरियाणा तीन बार हिंसा का तांडव देख चुका है। आज़ादी के बाद पहली बार भाजपा सरकार में दो बार जातीय दंगे हुए, दर्जनों निर्दोष लोग पुलिस की गोलियों से मारे गए और फिर पंचकुला में जो गोलीबारी हुई और लोग मारे गए, वह गोली कांड आज भी रोंगटे खड़े कर देता है। क्या ये सब कुकृत्य देवीय: स्वरूप हैं?’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि नूंह में हिंसा फैलाने की साज़िश हरियाणा की जनता ने समझदारी दिखाकर असफल कर दी अन्यथा चौथी बार भी हरियाणा रक्तरंजित हो जाता।
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उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग एक कथित यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद के समर्थन में खड़े रहे और हरियाणा की पहलवान बेटियां न्याय की गुहार लगाती रहीं। पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाली हमारी बेटियों को इन्होंने दुशासन की तरह दिल्ली की सड़कों पर घसीटा। इन लोगों को क्या संज्ञा दी जाये?’’
सुरजेवाला ने आरोप लगाया के भाजपा लोग शब्दों को पकड़कर मुद्दों की हत्या करना चाहते हैं और अपनी असफलताओं को भावनात्मक मुद्दों के पीछे छुपाना चाहते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पूरी भाजपा व खट्टर साहब मीडिया में भावनात्मक शोर मचाकर मुझे गलत साबित करने की बजाय सीईटी उत्तीर्ण युवाओं को न्याय देकर, पेपर लीक करने वाले माफिया से पीड़ित युवाओं को न्याय देकर, महिला खिलाड़ियों को न्याय देकर, ज़मीन बेचकर विदेशों में पलायन को मजबूर युवाओं को न्याय देकर, नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई करके मुझे गलत साबित करें तो सही होगा। अन्यथा प्रदेश की जनता से माफी मांगें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वो और होंगे जो खट्टर-मोदी की गीदड़ भभकियों से डरते होंगे ! एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के मुद्दे उठाना और सत्ता की आंखों में आंखें डालकर जन सापेक्ष सवाल पूछना ही मेरा धर्म है ! मैं यह धर्म आख़िर सांस तक निभाता रहूंगा !’’