कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘वोट बैंक की खातिर कांग्रेस द्वारा आतंकवाद को पालने-पोसने’’ की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि उन्होंने ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ लांघ दी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने  निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘वोट बैंक की खातिर कांग्रेस द्वारा आतंकवाद को पालने-पोसने’’ की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि उन्होंने ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ लांघ दी है।

शुक्रवार को बेल्लारी में एक रैली में मोदी के आरोप पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विपक्षी दल ने कहा कि कर्नाटक का माहौल बिगाड़ने के लिए उन्होंने ‘‘दुर्भावनापूर्ण तथा झूठा’’ आरोप लगाया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वोट बैंक की राजनीति की वजह से आतंकवाद को पालने-पोसने और उसे पनाह देने का कांग्रेस पर शुक्रवार को आरोप लगाते हुए दावा किया था कि आज कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ एक शब्द बोलने की भी हिम्मत खो चुकी है।

कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत शीर्ष भाजपा नेताओं के खिलाफ ‘‘कर्नाटक में माहौल का ध्रुवीकरण’’ करने के लिए भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और के सी वेणुगोपाल ने निर्वाचन आयोग को भेजे एक ज्ञापन में कहा, ‘‘हमें प्रधानमंत्री के भाषण के पूरे लहजे पर आपत्ति है लेकिन इस प्रतिवेदन में हम पूरी तरह अभूतपूर्व और दुर्भावनापूर्ण आरोपों का उल्लेख करना चाहते हैं जो भारत के इतिहास में किसी मौजूदा प्रधानमंत्री द्वारा लगाए सबसे खराब आरोप हैं।’’

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) न केवल ‘लक्ष्मण रेखा’ पार की है बल्कि उनके पूर्ववर्तियों द्वारा तय किया हर नियम और मर्यादा का घोर उल्लंघन किया है।’’

सुरजेवाला और वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा तथा आदित्यनाथ के खिलाफ ‘‘सबूत’’ पहले ही सौंप दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग से कार्रवाई करने के लिए बार-बार प्रतिवेदन दिए जाने और दो प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने के बावजूद इन लोगों तथा भाजपा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।










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