लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने दिल्ली में कर्नाटक के मंत्रियों की बैठक बुलाई

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक के मंत्री राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस ने दिल्ली में कर्नाटक के मंत्रियों की बैठक बुलाई
कांग्रेस ने दिल्ली में कर्नाटक के मंत्रियों की बैठक बुलाई


बेंगलुरु: कर्नाटक के मंत्री राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मंत्री के एन राजन्ना, के जे जॉर्ज, बी जेड जमीर अहमद खान, जी परमेश्वर, लक्ष्मी हेब्बलकर, एन एस बोसराजू और आर बी थिम्मापुर उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने सुबह राष्ट्रीय राजधानी के लिए उड़ान भरी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने  बताया, ‘‘हमारे पास जो जानकारी है वह यह है कि रणनीति पर चर्चा के लिए 29 मंत्रियों को दिल्ली बुलाया गया है।’’

उन्होंने बताया कि इस बार मुख्य फोकस सही उम्मीदवारों की पहचान करना और राम मंदिर मुद्दे का मुकाबला करने के तरीके ढूंढना है ताकि यह कर्नाटक में पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव न डाले।

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘मंत्रियों को राज्य सरकार की पांच गारंटी (पार्टी के चुनाव पूर्व वादे) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार करने के लिए कहा जाएगा। लोकसभा चुनाव में हमारी प्रमुख ताकत हमारी पांच गारंटी हैं, जिन्हें किसी अन्य राज्य ने लागू नहीं किया है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि राम मंदिर पर चर्चा हो सकती है, लेकिन पार्टी इसे लेकर अनावश्यक रूप से चिंतित नहीं है। कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम राम मंदिर मुद्दे के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोच रहे हैं क्योंकि हिंदू समुदाय ही बंटा हुआ है...चार शंकराचार्य 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं।’’

उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कुछ मंत्रियों द्वारा कर्नाटक में तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की मांग के संबंध में बैठक में कोई चर्चा नहीं होगी।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मांग को ठुकरा दिया है। उन्होंने उनसे सख्ती से कहा है कि चुनाव खत्म होने तक इस मुद्दे को न उठाएं।’’










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