Boat के IPO को लेकर को-फाउंडर अमन गुप्ता ने तोड़ी चुप्पी, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

ईयरफोन व हेडफोन बनाने वाली कंपनी बोट को ‘सूचीबद्धता’ के लिए जल्दी नहीं है। कंपनी पूर्व में अपनी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की योजना को टाल चुकी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Boat के को-फाउंडर अमन गुप्ता
Boat के को-फाउंडर अमन गुप्ता


नयी दिल्ली: ईयरफोन व हेडफोन बनाने वाली कंपनी बोट को ‘सूचीबद्धता’ के लिए जल्दी नहीं है। कंपनी पूर्व में अपनी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की योजना को टाल चुकी है।

बोट के सह-संस्थापक अमन गुप्ता ने कहा कि आईपीओ को लेकर हमें कोई ‘‘जल्दबाजी’’ नहीं है और इसे अगले वित्त वर्ष 2024-25 या 2025-26 में लाया जा सकता है।

गुप्ता ने यह भी कहा कि भारत विनिर्माण के लिए एक आकर्षक स्थल बन गया है।

गुप्ता ने डाइनामाइट न्यूज़ के साथ साक्षात्कार में कहा कि उनके स्टार्टअप के पास अभी ‘‘पर्याप्त पूंजी’’ है।

गुप्ता ने कहा कि एक समय था जब स्टार्टअप के लिए आईपीओ ‘फैशन’ में था। लेकिन उसके बाद बाजार में काफी उतार-चढ़ाव की स्थिति बन गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें अभी आईपीओ की जरूरत नहीं है। हम यह कुछ साल बाद कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 या वित्त वर्ष 2025-26 में ऐसा किया जा सकता है.. हमें कोई जल्दबाजी नहीं है।’’

गुप्ता ने कहा, ‘‘यकीनन इस साल हम ऐसा नहीं करने वाले।’’

वहीं उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टार्टअप इंडिया और नवाचार महोत्सव जैसी पहल ने देश में उद्यमिता को लेकर नजरिये में बदलाव आया है।

गुप्ता ने कहा कि पहले लोग स्टार्टअप को स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। बहरहाल, सरकार के इसपर ध्यान केंद्रित करने और स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसी पहल ने इस बारे में देश का नजरिया बदल दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने ही सफर की बात करूं तो जब हमने शुरुआत की और कैसे हम सभी चीजों का आयात कर रहे थे... यह सब अब बदल गया है और अब हमारे 60-70 प्रतिशत उत्पाद भारत निर्मित हैं। सही मायने में यह ‘मेक इन इंडिया’ है। हम सभी बड़े सपने देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही ‘‘दुनिया की स्टार्टअप राजधानी’’ बन जाएगा और ‘‘ यह देश में हो रहे बदलावों की वजह से है।’’

गुप्ता ने कहा कि जब बात अपनी विनिर्माण आवश्यकताओं की आती है तो कंपनियां एक देश तक सीमित नहीं रहना चाहतीं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘‘भारत एक बड़ा अवसर बन सकता है।’’

गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप को पहले स्वीकार नहीं किया जा रहा था, लेकिन स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसी सरकारी पहल ने इन्हें सराहा और समाज में स्वीकृति दिलाई।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत कभी भी ऐसा देश नहीं था जहां स्टार्टअप की इतनी अधिक मांग हो लेकिन यह एक बदलती दुनिया है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्टअप डे जैसा कुछ भी नहीं था...यह अब देश का मिज़ाज है। अगर आप ‘शार्क टैंक’ जैसे शो देखेंगे, जो स्टार्टअप पर आधारित हैं..अगर किसी कारोबार आधारित शो को आम आदमी इतना पसंद करें तो इसका मतलब है कि चीजें बदल रही हैं।’’

इससे पहले कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 2,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए दस्तावेजों का मसौदा जमा कराया था। हालांकि, बाद में कंपनी ने आईपीओ दस्तावेज वापस ले लिए थे।










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