गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक की झांकी को मंजूरी नहीं दिये जाने पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका केंद्र सरकार द्वारा न दिये जाने के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने बुधवार को कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को इस मुद्दे के राजनीतिकरण की कोशिश करने के बजाय केंद्र से संपर्क करना चाहिए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र


बेंगलुरु: कर्नाटक की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका केंद्र सरकार द्वारा न दिये जाने के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने बुधवार को कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को इस मुद्दे के राजनीतिकरण की कोशिश करने के बजाय केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विजयेंद्र ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक झांकी के मुद्दे का सवाल है, कर्नाटक को पिछले 14 वर्षों से अवसर मिला है। चूंकि हर राज्य को यह अवसर दिया जाना है, इसलिए कर्नाटक को इस बार मौका नहीं दिया गया है।’’

पिछले साल जब कर्नाटक की झांकी के प्रस्ताव को शुरू में अनुमति नहीं मिली थी तो तत्कालीन भाजपा सरकार दिल्ली गई थी और अनुरोध किया था तथा यह सुनिश्चित किया था कि राज्य को मौका मिले।

शिकारीपुरा के विधायक ने कहा, ‘‘लेकिन इस बार राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया। जब उन्हें जानकारी मिली कि कर्नाटक को मौका नहीं मिल रहा है तो उन्हें इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने के बजाय तुरंत केंद्र सरकार से संपर्क करना चाहिए था।’’

हालांकि, उन्होंने दावा किया कि अगले साल गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक को मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शनी में राज्य की झांकी भी शामिल होगी, ताकि राज्य के साथ कोई अन्याय न हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कर्नाटक की मौजूदा सरकार, खासकर मुख्यमंत्री, इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी को मौका नहीं देकर सात करोड़ कन्नड़ भाषियों का अपमान किया है।

मुख्यमंत्री के मुताबिक, कर्नाटक से कई झांकियों के प्रस्ताव भेजे गए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने सभी को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने लोकतंत्र और अपने राज्य के विकास में नालवडी कृष्णराज वाडियार के अपार योगदान को दर्शाने के लिए संबंधित झांकी की परिकल्पना की थी। हमने कर्नाटक की समृद्ध प्रकृति और ब्रांड बेंगलुरु को प्रदर्शित करने के प्रस्तावों के साथ-साथ कित्तूर रानी चेन्नम्मा और नादप्रभु केम्पेगौड़ा के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए भी प्रस्ताव भेजे थे। हालांकि, केंद्रीय समिति ने हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।’’

सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि असल बात यह है कि राज्य में कांग्रेस की सत्ता है और ऐसा लगता है कि यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय है।

इस बीच, विजयेंद्र ने कहा कि तीन-चार महीने पहले कांग्रेस को लग रहा था कि वह आगामी चुनाव में कर्नाटक की कुल 28 में से 18 से 20 लोकसभा सीट जीतेगी।

उन्होंने कहा, हालांकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद कर्नाटक में स्थिति पूरी तरह बदल गई है।

उन्होंने दावा, ‘‘कर्नाटक के लोगों का रुझान स्पष्ट है। वे नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। भाजपा कर्नाटक में सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) के साथ अगले लोकसभा चुनाव में सभी सीट जीतेगी।’’










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