Badrinath Dham Yatra: वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ खुले भगवान बद्रीनाथ के कपाट, दो साल बाद भक्तों की भारी भीड़, जानिये खास बातें

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित भगवान बद्रीनाथ के कपाट आज सुबह वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गये हैं। यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और दर्शन के लिये तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



गोपेश्वर (चमोली): चार धामों में प्रमुख भगवान बद्रीनाथ के कपाट रविवार सुबह 6.15 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है। दो साल बाद भगवान बद्रीनाथ के दर्शन के लिये यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान विष्णु का दरबार  खचाखच भरा हुआ है और भगवान के दर्शन के लिये 3 km लंबी लाइन लगी हुई है। अखंड ज्यौति के दर्शन के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल रात से ही यहां डेरा डाले हुए हैं।  

कपाट खुलने के मौके पर बदरीनाथ धाम को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलने पर अखंड ज्योति के दर्शनों को देश-विदेश से सात हजार से अधिक यात्री धाम पहुंच चुके है। श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।

भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया रविवार को ब्रह्ममूहर्त में तीन बजे से ही शुरू हो गई। श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर में पहुंचे। वहीं श्री उद्धव जी की डोली मुख्य द्वार से अंदर लाई गई। रावल (मुख्य पुजारी) ने गर्भगृह में प्रवेश कर मां लक्ष्मी को मंदिर में विराजमान किया। इसके बाद भगवान के सखा उद्धव जी और देवताओं के खजांची कुबेर जी मंदिर गर्भगृह में विराजमान किए गए। 

जिसके बाद बद्रीनाथ धाम में बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालओं के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान और मंत्रोच्चारण और सेना बैंड की धुनों के साथ खोल दिए गए।










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