चंद्रग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिये करें ये उपाय, ग्रहण के बाद करें ये जरूरी काम

डीएन ब्यूरो

31 जनवरी यानि आज साल का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं में चंद्रग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है। चंद्रग्रहण को लेकर समाज में कई तरह धारणाएं है और इसे कई जगह काफी अशुभ भी माना जाता है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में चंद्रग्रहण को विस्तार से समझें..

चंद्रग्रहण (फाइल फोटो)
चंद्रग्रहण (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: 31 जनवरी यानि बुधवार को साल का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्रग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है। चंद्रग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई तरह की धारणाएं होती है और इसे अशुभ माना जाता है।

आइये, डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में चंद्रग्रहण को विस्तार से समझिये। 

इस बार चंद्रग्रहण बुधवार शाम 5:20 मिनट पर भारत में शुरू होगा और मुख्य चन्द्रग्रहण सूर्यास्त के बाद लगभग 6:20 मिनट पर शुरू होगा। यह चंद्रग्रहण शाम 7:37 मिनट तक चलेगा। ज्योतिष के मुताबिक माघ शुक्ल पूर्णिमा को लगने वाला यह चंद्रग्रहण 150 सालों बाद आया है। यह ग्रहण भारत समेत कई देशों में भी दिखाई देगा।

 

 

 चंद्रग्रहण में क्या करें, क्या न करें

-चंद्रग्रहण लगने के बाद इन चीजों को भुलकर भी न करें नहीं तो यह आपके लिए अशुभ हो सकता है। 
-चंद्रग्रहण के दौरान लोगों को कुछ भी खाना-पीना अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं इस दौरान खाना बनाने से भी बचें। 
-चंद्रग्रहण के दौरान गभर्वती महिलाएं अपना खास ध्यान रखे। ऐसी महिलाएं घर से बाहर न निकलें तो ज्यादा अच्छा होगा।
-चंद्रग्रहण में भगवान की पूजा अर्चना करना अशुभ माना जाता है। इसी वजह से इस दिन मंदिर के काट बंद रहते हैं। इस दौरान भगवान की मूर्ती और तस्वीर को हाथ भी न लगाये नहीं तो यह आपके लिए नुकसान दायक हो सकता है।  
- ग्रहण के दौरान सोने भी बचें। ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के वक्त सोने और खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

 

जानिये कैसे लगता है चंद्रग्रहण

विज्ञान के मुताबिक जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को रोक लेती है और उसमें अपनी छाया बनाती है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। 

 

वहीं जब पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है तो पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है और जब पृथ्वी चंद्रमा को आंशिक रूप से ढकती है,तो उस स्थिति में आंशिक चंद्र ग्रहण कहते है।
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों।

पूर्णिमा के दिन ही क्यो लगता है चंद्रग्रहण

वैज्ञानिको के मुताबिक पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चॉद पृथ्वी की और इसी परिक्रमण काल में जब सूर्य और चॉद के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी से चॉद का पूरा या कुछ छुप जाता है तो इस घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है चंद्र ग्रहण की यह घटना हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है।

चंद्रग्रहण से बचने के उपाय

ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि चंद्र ग्रहण क प्रभाव 108 दिनों तक रहता है, इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र-जाप करना चाहिए। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शिव कवच का पाठ भी चंद्र दोष को कम करने में सहायक होता है।
- ग्रहण के बाद स्नान कर पूजा करें और अपने इष्टदेव की अराधना करें
 -ग्रहण से कुछ देर पहले किसी जरूरमंद या गरीब को दान करें, यो भोजन कराएं। ऐसा करने से काफी लाभ होता है।
-ग्रहण के समय शिवलिंग के सामने बैठकर ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें










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