ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, जानिये इस मामले में आया ये बड़ा अपडेट

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाकर पांच साल करने संबंधी संशोधित कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई बृहस्पतिवार को तीन मई तक के लिए स्थगित कर दी। पढ़िये डाइनामइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाकर पांच साल करने संबंधी संशोधित कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई बृहस्पतिवार को तीन मई तक के लिए स्थगित कर दी।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की तीन-न्यायाधीशों की पीठ से सुनवाई को इस आधार पर स्थगित करने का अनुरोध किया कि वह समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर संविधान पीठ के समक्ष जारी सुनवाई में व्यस्त है।

पीठ ने कहा, 'श्रीमान सॉलिसिटर, आप कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करें। हम मामले को इस तरह स्थगित नहीं रख सकते। कुछ व्यवस्था करें। हम यह धारणा नहीं बनने देना चाहते कि सरकार अनावश्यक रूप से देरी कर रही है।'

मेहता ने कहा कि किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया था कि जब यह तारीख तय की जाएगी तो संविधान पीठ के समक्ष मामलों की सुनवाई शुरू हो जाएगी।

सॉलिसिटर जनरल के अनुरोध पर पीठ ने मामले की सुनवाई तीन मई तक के लिए स्थगित कर दी।

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शीर्ष अदालत ने पहले केंद्र की इस दलील पर असहमति जताई थी कि प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाकर पांच साल करने की अनुमति देने वाले संशोधित कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर विचार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये याचिकाएं धनशोधन के गंभीर आरोपों का सामना कर रहीं राजनीतिक संस्थाओं द्वारा दायर की गई हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि अगर याचिकाकर्ता मामलों का सामना कर रहे हैं, तो भी उन्हें अपनी शिकायतों के निवारण के लिए न्यायपालिका से संपर्क करने का अधिकार है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 दिसंबर को ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को दिए गए तीसरे कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा था।

अदालत ने जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार, केंद्रीय सतर्कता आयोग और ईडी निदेशक को नोटिस जारी किया था।

याचिका में केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।

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कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और साकेत गोखले द्वारा दायर याचिकाओं सहित विभिन्न याचिकाएं सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष रखी गई थीं।

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार ने भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी मिश्रा को ईडी निदेशक के तौर पर तीसरी बार एक साल का कार्यकाल विस्तार दिया था।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी मिश्रा 18 नवंबर, 2023 तक पद पर रहेंगे।

मिश्रा (62) को पहली बार 19 नवंबर, 2018 को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया था। बाद में, 13 नवंबर, 2020 के एक आदेश के जरिए केंद्र सरकार ने उनके दो साल के कार्यकाल को तीन साल कर दिया।

सरकार ने पिछले साल एक अध्यादेश जारी किया था जिसके तहत ईडी और सीबीआई प्रमुखों का कार्यकाल दो साल की अनिवार्य अवधि के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।










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