अनाजों के मूल्य निर्धारण का अधिकार केन्द्र का, यह राज्य का विषय नहीं: सूर्य प्रताप शाही

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को कहा कि अनाजों के मूल्य के निर्धारण का अधिकार केंद्र सरकार का है, यह राज्य सरकार का विषय नहीं है।

अनाज (फाइल)
अनाज (फाइल)


बलिया: उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को कहा कि अनाजों के मूल्य के निर्धारण का अधिकार केंद्र सरकार का है, यह राज्य सरकार का विषय नहीं है।

जिले के करनई गांव में पूर्व सांसद गौरीशंकर राय की जन्‍मशती समारोह में शामिल होने आये सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकारों से बातचीत में केन्‍द्र सरकार द्वारा फसलों पर एमएसपी बढ़ाए जाने के निर्णय को किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम करार दिया है।

शाही से सवाल किया गया कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों को राहत देते हुए कई फसलों पर न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) में इजाफा किया गया है, क्या योगी सरकार भी एमएसपी में इजाफा करेगी, इस सवाल के जबाब में उन्‍होंने कहा, ‘‘अनाजों का मूल्य निर्धारण करने का कार्य केन्द्र सरकार का है, यह राज्य सरकार का विषय नहीं है। राज्यों के परामर्श से केन्द्र सरकार मूल्य तय करती है। पूरे देश के परिप्रेक्ष्य में कीमतें तय होती हैं।’’

शाही ने कहा, ‘‘देश के किसान अपनी उपज को इस स्तर तक बनाए रखें कि उन्हें लाभकारी मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार हस्तक्षेप करती है। मुझे इस बात की खुशी है कि 2104 में मोदी सरकार ने तय किया था कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना कीमत देंगे। मोदी सरकार इसके लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। अगले साल के लिए केन्द्र सरकार ने रवी, दलहनी व तिलहनी फसलों की एमएसपी बढ़ा दी है।’’

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने वाले बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रावत को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)से बाहर करने की कांग्रेस नेताओं की मांग के सवाल पर शाही ने रावत का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस के कहने से किसी को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा।

इसके पूर्व गौरीशंकर राय कन्या महाविद्यालय, करनई के सभागार में गौरीशंकर राय स्मृति समिति के तत्वावधान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजवादी चिंतक एवं पूर्व सांसद गौरीशंकर राय जी के जन्म शताब्दी के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि गौरी शंकर राय जी युग दृष्टा थे और छात्र जीवन से ही देश निर्माण में लग गए थे। हमें उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

बलिया के भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि आज के राजनीतिज्ञों को अपनी करनी और कथनी में अंतर को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘‘आज इस पुनीत अवसर पर मैं संकल्प लेता हूं कि मैं आजीवन अपराध और पिस्तौल की राजनीति का विरोध करूंगा।’’

उत्तर प्रदेश विधान सभा के पूर्व नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि गौरीशंकर राय हम लोगों के राजनीतिक गुरु थे। उन्होंने हम लोगों को हमेशा सही रास्ता दिखाया।

कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि राय साहब निर्भीक नेता थे और उन्होंने राजनीति के अपराधीकरण का हमेशा विरोध किया।

पूर्व मंत्री कुंवर उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि राय साहब ने विधानसभा, लोकसभा से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष राम आशीष राय ने कहा कि गौरी शंकर राय ने इंदिरा गांधी के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाकर उस समय के राजनीतिक समाज में न केवल हलचल मचा दिया था, बल्कि वह आम राजनेताओं के लिए मिसाल भी बने थे।

इस मौके पर पूर्व मंत्री नारद राय, सलेमपुर के भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा, पूर्व मंत्री राजधारी सिंह समेत कई प्रमुख वक्‍ताओं ने भी समारोह को संबोधित किया।

 










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