CBI: जासूसी मामले में पत्रकार-पूर्व नौसेना कमांडर के खिलाफ आरोप पत्र दायर, जानें क्या है पूरा माजरा

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वतंत्र पत्रकार विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर आशीष पाठक के खिलाफ रक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर गुप्त तरीके से हासिल करने और उसे विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने के मामले में बुधवार को आरोपपत्र दाखिल किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वतंत्र पत्रकार विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर आशीष पाठक के खिलाफ रक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर गुप्त तरीके से हासिल करने और उसे विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने के मामले में बुधवार को आरोपपत्र दाखिल किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सीबीआई ने यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र में शासकीय गोपनीयता अधिनियम के कथित उल्लंघन और संबंधित अपराधों में रघुवंशी और पाठक को आरोपी के रूप में नामित किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रक्षा और रणनीतिक मामलों पर अमेरिका के एक पोर्टल ने रघुवंशी का जिक्र अपनी वेबसाइट पर भारत संवाददाता के तौर पर किया था। रघुवंशी और पाठक को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने मामला दर्ज होने के बाद कहा था, ‘‘यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी (रघुवंशी) और उसके सहयोगी (पाठक) जो वर्तमान में एक (निजी) फर्म के साथ काम कर रहे हैं, उनके पास भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित गोपनीय दस्तावेज थे।’’

सीबीआई ने मई में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा से जांच हाथ में ली, जो पिछले साल सितंबर से रघुवंशी पर नजर रख रही थी जब उसने प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई के अनुसार, रघुवंशी और उसके रिश्तेदारों को विदेश से कथित तौर पर तीन करोड़ रुपये मिले। दिल्ली पुलिस की स्पेशल शाखा को खुफिया एजेंसियों के माध्यम से जानकारी मिली थी कि कुछ भारतीय पत्रकार विदेशी एजेंसियों के लिए सूचनाओं जुटाने और प्रसारित करने में लगे हुए थे, जिससे मित्र देशों के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ सकता है।

विशेष प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर, यह माना गया कि पत्रकार ‘‘सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद’’ के संबंध में गुप्त रूप से ‘‘संवेदनशील जानकारी’’ जुटा रहा था। प्राथमिकी में कहा गया था कि एकत्र की गई जानकारी कथित तौर पर मित्र देशों के साथ भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक वार्ता के विवरण के अलावा देश की गोपनीय सूचना और राष्ट्रीय सुरक्षा की रणनीतिक तैयारियों का खुलासा करती है।

अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीबीआई ने मामला अपने हाथ में ले लिया। सावधानीपूर्वक नजर रखने के बाद सीबीआई ने 16 मई को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और जयपुर में 15 जगहों पर रघुवंशी और अन्य के परिसर पर छापे मारे।

प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘सीबीआई ने प्राथमिकी में नामित आरोपियों और उनसे जुड़े अन्य लोगों के लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव सहित 48 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं।’’ उन्होंने कहा था कि भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित कई दस्तावेज भी जब्त किए गए।










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