

कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के बाद गोवा में एक कैथोलिक पादरी ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी पर अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर खेद व्यक्त किया है, जो उन्होंने एक धर्मोपदेश के दौरान की थी। पादरी फादर बोलमैक्स परेरा ने कहा कि उनके बयान का ‘गलत मतलब निकाला गया’। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पणजी: कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के बाद गोवा में एक कैथोलिक पादरी ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी पर अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर खेद व्यक्त किया है, जो उन्होंने एक धर्मोपदेश के दौरान की थी। पादरी फादर बोलमैक्स परेरा ने कहा कि उनके बयान का ‘गलत मतलब निकाला गया’।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक: वास्को शहर के पास एक चर्च से जुड़े पादरी का एक वीडियो हाल में कई बार पोस्ट किया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘छत्रपति शिवाजी को भगवान नहीं माना जा सकता’। बजरंग दल समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों ने उनकी इस टिप्पणी की निंदा की थी.
इसके बाद बृहस्पतिवार देर शाम पादरी की बयान जारी किया गया, जिसमें उन्होंने अपनी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद और छत्रपति शिवाजी के उल्लेख के कारण पैदा हुई ‘गलतफहमी’ पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘‘उपदेश के दौरान महान राष्ट्रीय नायक और बहादुर योद्धा का उल्लेख करने का उद्देश्य यह बताना था कि छत्रपति शिवाजी महाराज धर्म, जाति, पंथ और भाषाओं से परे हैं देश और विदेश के सभी लोगों के लिए पूजनीय हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए उन्हें (छत्रपति शिवाजी) सिर्फ एक धर्म का कहने से अन्य धर्म के लोगों के बीच उनकी महानता कम होगी।’’ पादरी ने कहा, ‘‘ मैं यह जानकर हैरान हूं कि मेरे उपदेश की ‘चुनिंदा बात को पेश किया’और बयान का केवल एक हिस्सा दिखाया गया, जबकि दूसरे हिस्से में शिवाजी महाराज की वीरता की प्रशंसा की गई थी।’’ भाषा खारी माधवमाधव
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