मामला शेहला राशिद की याचिका का: दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायाधीश ने खुद को सुनवाई से किया अलग

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने बृहस्पतिवार को कार्यकर्ता शेहला राशिद की एक याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह


नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने बृहस्पतिवार को कार्यकर्ता शेहला राशिद की एक याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया।

इस याचिका में राशिद ने एक समाचार चैनल और टीवी पत्रकार से मांग की है कि वे उनके खिलाफ कथित रूप से मानहानिकारक विषयवस्तु प्रसारित करके उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे स्पष्ट रूप से माफी मांगे। इस टीवी कार्यक्रम के दौरान राशिद के पिता ने उन पर आरोप लगाए थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती और इसे किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।

यह भी पढ़ें | जयपुर विस्फोट मामले में बड़ा अपडेट, आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर अपील पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (एनबीडीए) ने इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है और ‘जी न्यूज’ ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है।

उच्च न्यायालय ने 16 सितंबर, 2022 को जेएनयू छात्र संघ की पूर्व नेता राशिद की याचिका पर ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी’ (एनबीडीएसए), एनबीडीए, जी न्यूज और इसके पूर्व एंकर सुधीर चौधरी को नोटिस भेजकर उनका जवाब मांगा था।

राशिद ने अपनी उस शिकायत पर एनबीडीएसए द्वारा 31 मार्च, 2022 को पारित एक आदेश में संशोधन का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पक्ष को प्रसारित किए बिना केवल उनके पिता के बयान के आधार पर उनकी ‘‘आलोचना’’ की गई और उन्हें ‘‘बदनाम’’ किया गया।

यह भी पढ़ें | दिल्ली हाई कोर्ट ने इस अहम याचिका पर केंद्र सरकार से मांगा जवाब, जानिये पूरा मामला

एनबीडीएसए ने अपने आदेश में समाचार चैनल को राशिद संबंधी कार्यक्रम के लिंक हटाने का निर्देश दिया था और कहा था कि इस कार्यक्रम के प्रसारण ने उसके प्रति पूर्वाग्रह पैदा किया था।

याचिकाकर्ता ने कहा कि प्राधिकरण ने प्रसारक को माफी मांगने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। याचिका में कहा गया है, ‘‘इस तरह का अनुचित इनकार पूरी तरह से मनमाना और गैर कानूनी है।’’










संबंधित समाचार