

आतंकवाद व संगठित अपराध से निपटने के लिये करीब सभी राज्यों ने स्पेशल टॉस्क फोर्स से लेकर एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड गठित किए। लेकिन गठन के वर्षों बाद भी इन बलों को मजबूत व मारक बनाने के लिये न तो जरूरी सुविधाएं उपलब्ध है और न ही इनके प्रशिक्षण पर ध्यान दिया गया है।
लखनऊ: पुलिस व सुरक्षातंत्र को आधुनिक बनाने की योजनाओं में सरकार की लापरवाही व असंवेदनशीलता को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने उत्तर प्रदेश सरकार पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड) में शामिल एक भी कमांडो को इसके लिए उचित प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।
इस संबंध में जारी रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि उप्र एटीएस में एक भी जवान को कमांडो बनने के लिए जरूरी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने कैग को जानकारी दी थी कि 2009 से 2012 के बीच 228 कमांडो को पूर्व प्रवेश पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण दिया गया था। लेकिन कैग ने सरकार के इस जवाब को संतोषजनक नहीं माना। 2012 के बाद 2016 तक तो सरकार ने खुद माना है कि इस अवधि के दौरान एक भी जवान को कमांडो का प्रशिक्षण नहीं दिया गया।
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