Kisan Andolan: बॉक्सर विजेंदर सिंह भी पहुंचे किसानों के बीच, कहा- मांगे न मानने पर लौटाएंगे सबसे बड़ा खेल रत्न अवॉर्ड

बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मांग न मानने पर अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड वापस कर देंगे। डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 December 2020, 4:53 PM IST
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के अलावा कई शख्सियतों का भी समर्थन मिल रहा है। दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिये रविवार को बॉक्सर विजेंदर सिंह भी पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों के समर्थन में एक बड़ी घोषणा की।  

सिंधु बाॉर्डर पहुंचे बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। किसानों के समर्थन में विजेंदर सिंह ने कहा कि यदि सरकार किसानों की मांग नहीं मांनती है और खेती से जुड़े काले कानूनों को वापस नहीं लेती है तो वे अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड वापस कर देंगे।

राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार है। किसानों को  विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों का भी समर्थन मिल रहा है। किसानों का धरना-प्रदर्शन और आंदोलन भले ही फिलहाल दिल्ली और इससे सटी सीमाओं में ही हो रहा हो लेकिन यदि सरकार ने किसानों की मांगें पूरी नहीं की तो यह पूरे देश में फैल सकता है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी किसानों के समर्थन में खुलकर सामने आ गये हैं। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि वह सोमवार से उत्तर प्रदेश में किसानों के समर्थन में सभाएं करेंगे। उन्होंने कहा कि कल से राज्य के हर जिले में समाजवादी पार्टी द्वारा किसान यात्रा निकाली जायेगी।

किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों के प्रस्तावित भारत बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। अब सपा द्वारा भी किसानों के पक्ष में खुलकर सामने आने से सरकार पर लगातार दबाव बढता जा रहा है।

किसानों का आंदोन आज रविवार को 11वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसानों और सरकार के बीच अब तक 5 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन हर बातचीत अब तक पूरी तरह असफल रही। कल शनिवार को विज्ञान भवन में लगभग पांच घंटे तक चली सरकार और किसानों की पांचवी बैठक भी बेनतीजा साबित हुई। अब 9 दिसंबर को फिर से एक बार सरकार और किसानों के बीच बातचीत होनी प्रस्तावित है। 

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