ओडिशा में पीएमएवाई के लाभार्थियो की सूची के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की धमकी, जानिये पूरा मामला

भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ (पीएमएवाई) के लाभार्थियों की सूची के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की धमकी देते हुए दावा किया है कि सूची से 1.5 लाख गरीब लोगों के नाम हटा दिए गए हैं जबकि प्रतीक्षा सूची में वे नाम थे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 17 January 2023, 2:19 PM IST
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भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई 'प्रधानमंत्री आवास योजना' (पीएमएवाई) के लाभार्थियों की सूची के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की धमकी देते हुए दावा किया है कि सूची से 1.5 लाख गरीब लोगों के नाम हटा दिए गए हैं जबकि प्रतीक्षा सूची में वे नाम थे।

राज्य के पंचायती राज और पेयजल विभाग के द्वारा सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और गांवों के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर योजना के तहत 9.5 लाख लाभार्थियों की अनंतिम सूची प्रदर्शित की गई है।

विभाग के सचिव एस के लोहानी ने कहा कि सूची सार्वजनिक जांच के लिए 16 जनवरी से 24 जनवरी तक प्रदर्शित रहेगी। उन्होंने कहा ‘‘यदि किसी अपात्र परिवार का नाम सूची में पाया जाता है, तो लोग आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। शिकायत प्राप्त होने पर उचित जांच के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। शिकायत दर्ज कराने की आखिरी तारीख 24 जनवरी है।’’

शिकायतों के आधार पर पीएमएवाई की अनंतिम सूची से सभी अपात्र परिवारों को हटाने के लिए आगे की जांच की जाएगी। इसके बाद पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची ग्राम सभा की स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी और फिर राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के सभी पात्र परिवारों को कार्य आदेश जारी करेगी।

इस योजना में केंद्र और राज्य के बीच 60:40 की हिस्सेदारी का प्रावधान है। ओडिशा को अगले 6 से 8 महीनों के समय में लगभग 16,000-17000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

बहरहाल, भाजपा ने आरोप लगाया कि सूची में 9.5 लाख नामों में लगभग 1.5 लाख वह नाम नहीं हैं जो 2018-19 की अनंतिम प्रतीक्षा सूची में थे। भाजपा ने आरोप लगाया ‘‘राज्य सरकार इस योजना के लाभार्थियों की सूची तैयार करते समय बीजद समर्थकों को लाभान्वित करने का प्रयास कर रही थी।’’

प्रदेश भाजपा के महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया ‘‘1.5 लाख से अधिक पात्र लोगों के नाम राजनीतिक मकसद से हटा दिए गए हैं।’’

लाभार्थियों की सूची तैयार करते समय राज्य सरकार से पारदर्शिता बनाए रखने की मांग करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि 2018-19 की संभावित सूची को संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पंचायत कार्यालय की जगह प्रखंड कार्यालय में शिकायत प्रकोष्ठ खोलना चाहिए।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अगर सूची में सुधार नहीं किया गया तो भाजपा योजना से वंचित 1.5 लाख लोगों के साथ नवीन निवास (मुख्यमंत्री के निजी आवास) का घेराव करने से नहीं हिचकेगी।’’

भाजपा नेता ने सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना का 'लोगो' इस्तेमाल करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रमुख कार्यक्रम का नाम नहीं बदला जा सकता है।

वहीं भाजपा के आरोप का जवाब देते हुए बीजद के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अमर प्रसाद सत्पथी ने कहा कि भाजपा बिना किसी आधार के 'बेबुनियाद आरोप' लगा रही है। सत्पथी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक अनंतिम सूची है और इसमें सुधार होगा। यह सुधार ग्राम सभा के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।’’

बीजद उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि हालांकि इस योजना का नाम पीएमएवाई है, लेकिन राज्य की हिस्सेदारी भी 40 फीसदी है।

मिश्रा ने 'बीजू पक्का घर लोगो' के पीएमएवाई के लोगो के साथ लगाए जाने संबंधी एक सवाल पर कहा, ‘‘घर के लिए खर्च में 40 फीसदी हिस्सेदारी के अलावा, राज्य प्रोत्साहन पर भी पर्याप्त राशि खर्च करता है, जो लगभग 50 फीसदी खर्च के बराबर है। इसलिए, केंद्र और राज्य सरकार दोनों का इस योजना पर समान हक है।’’

Published : 
  • 17 January 2023, 2:19 PM IST

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