भाजपा विधायकों ने दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र को लेकर अपनाया ये रुख
भाजपा विधायकों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात की और केजरीवाल सरकार द्वारा बुलाए गए दो दिवसीय दिल्ली विधानसभा सत्र में “विसंगतियों” के खिलाफ शिकायत की। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर:
नयी दिल्ली: भाजपा विधायकों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात की और केजरीवाल सरकार द्वारा बुलाए गए दो दिवसीय दिल्ली विधानसभा सत्र में “विसंगतियों” के खिलाफ शिकायत की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित दिल्ली भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां राज निवास में सक्सेना से मुलाकात की और मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र 16 अगस्त से शुरू होगा। विधानसभा अधिकारियों ने पहले कहा था कि जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है।
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राज्यसभा में सेवा विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद उपराज्यपाल के साथ अपनी पहली बैठक में विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को “प्रोटोकॉल का पालन करने” और सदन में प्रश्नकाल को विधायकों के बुनियादी संसदीय अधिकार के रूप में अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की।
ज्ञापन में कहा गया, “भाजपा विधायकों का यह प्रतिनिधिमंडल आपका ध्यान बिना किसी संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किए दिल्ली सरकार और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बार-बार दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाने की ओर आकर्षित करना चाहता है।”
विधायकों ने कहा कि यह “चौंकाने वाला” है कि केवल दो दिवसीय मानसून सत्र बुलाया गया है, वह भी विधायकों को अपने प्रश्न तैयार करने और प्रस्तुत करने के लिये 15 दिन का नोटिस देने की संवैधानिक आवश्यकता का पालन किए बिना।
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विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा के कम से कम पिछले 10 सत्र “बहुत ही कम समय के नोटिस” पर बुलाए गए और उन मुद्दों पर चर्चा की गई जिनका राष्ट्रीय राजधानी से कोई लेना-देना नहीं था।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रश्नकाल को एजेंडे से बाहर रखकर विधायकों को सदन में प्रश्न पूछने के उनके अधिकार से वंचित कर दिया गया है। भाजपा विधायकों के आरोपों पर विधानसभा या सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।