नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की कांउसलिंग की वकालत, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं डॉ वर्णिका शर्मा ने कहा कि जवानों को अपनी बातें खुलकर कहने का अवसर मिलना चाहिए और इसके लिए समय-समय पर काउंसलिंग होना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

डॉ वर्णिका शर्मा
डॉ वर्णिका शर्मा


बीजापुर: इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं डॉ वर्णिका शर्मा ने कहा कि जवानों को अपनी बातें खुलकर कहने का अवसर मिलना चाहिए और इसके लिए समय-समय पर काउंसलिंग होना चाहिए।

डॉ शर्मा दो दिवसीय बीजापुर पहुंची और संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि जवान अपने परिवार से लंबे समय तक दूर रहकर नक्सल मोर्चे पर तैनात रहते है।

उन्होंने कहा कि जवान मानसिक रूप से दबाव महसूस करते हैं, वे अपनी बातों को खुलकर कह नहीं पाते, जिसके चलते अंदर ही अंदर वे कुढते रहते हैं, यही बाद में मानसिक तनाव का कारण बनता है और कई बार छोटी सी बात पर भी वे अपना आपा खो बैठते हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह हर बीमारी के लिए अलग अलग टेस्ट होते हैं उसी तरह समय समय पर काउंसलिंग कार्यशाला का आयोजन होना चाहिए, ताकि जवान खुलकर अपने भीतर चल रहीं बातों को अभिव्यक्त कर मानसिक विकारों को दूर कर सकें।(वार्ता)










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