

पटना नगर निगम में कार्यरत जनसंपर्क पदाधिकारी ने एक हैरान करने वाला कदम उठाया है। आखिर क्या है वजह इस्तीफा देने की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पटना: बिहार की राजधानी पटना नगर निगम में कार्यरत जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस्तीफे के साथ ही महिला अधिकारी ने मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार पर मानसिक उत्पीड़न अभद्रता और उनके निजी जीवन में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में महिला थाने में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है।
इस्तीफे में पीआरओ ने आपबीती लिखी
अपने इस्तीफे में पीआरओ ने बताया कि वे 2021 से नगर निगम में कार्यरत हैं लेकिन मेयर के बेटे के व्यवहार के चलते अब उनके लिए कार्य करना असंभव हो गया है। कभी मेयर के चैंबर में तो कभी फोन पर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया है। इसके चलते उनका आत्मसम्मान गंभीर रूप से आहत हुआ है।
महिला अधिकारी की वैवाहिक जीवन से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणियां इंटरव्यू में किया
महिला अधिकारी ने आरोप किया कि शिशिर कुमार ने एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उनके वैवाहिक जीवन से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं और ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा की इस प्रकार की हरकतों के कारण उन्हें मानसिक सामाजिक और आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है।
शिशिर कुमार ने सभी आरोपों को खारिज किया
इस मामले पर शिशिर कुमार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पीआरओ को एक निजी एजेंसी द्वारा नियुक्त किया गया था जिसे अब हटाने का निर्णय लिया जा रहा है। शिशिर ने आरोप लगाया कि 3 अप्रैल को पीआरओ ने मेयर के भाषण की तैयारी नहीं की जिसके चलते एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मेयर को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने महिला पीआरओ के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया है ताकि "सच्चाई" जनता के सामने आ सके।
शिशिर कुमार के खिलाफ पहले भी लग चूकें है आरोप
यह मामला पहले भी अखबारों में चर्चा का विषय बन चुका है। शिशिर कुमार के खिलाफ पहले भी आरोप लगे हैं। नगर निगम के उप नगर आयुक्त रामाशीष शरण तिवारी ने उनके खिलाफ गाली-गलौज और दिवंगत मां के बारे में अपशब्द कहने का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बीच पटना नगर निगम की आंतरिक राजनीति में यह घटना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है जो शहर की प्रशासनिक व्यवस्था में खलबली मचा सकती है।