उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, नैनीताल से हटेंगे पैडल रिक्शा; अब दौंडेंगे ई-रिक्शा

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका के विरूद्ध चेतावनी दी है तथा प्रशासन को पर्यटकों के काफी आवागमन वाले सीजन के दौरान शहर में यातायात भीड़ कम करने के लिए तत्काल उपाय करने को कहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उत्तराखंड उच्च न्यायालय
उत्तराखंड उच्च न्यायालय


नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका के विरूद्ध चेतावनी दी है तथा प्रशासन को पर्यटकों के काफी आवागमन वाले सीजन के दौरान शहर में यातायात भीड़ कम करने के लिए तत्काल उपाय करने को कहा है।

जोशीमठ जमीन धंसने , खेतों एवं सड़कों पर दरारें पड़ जाने के कारण इस साल के प्रारंभ में सुर्खियों में था।

इन दिनों गर्मी बढ़ने के साथ ही बड़ी संख्या में पर्यटक नैनीताल पहुंच रहे हैं जिससे इस लोकप्रिय पर्यटक स्थल पर अक्सर लंबा-लंबा जाम लग रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नैनीताल के यातायात के मामले का स्वत: ही जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे का त्वरित समाधान किया जाना चाहिए अन्यथा नैनीताल के सामने जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

अदालत ने यातायात जाम की समस्या के समाधान के तौर पर शहर में साइकिल रिक्शा के स्थान पर तत्काल ई -रिक्शा को चलाने का आदेश दिया क्योंकि हर वर्ष यातायात की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है।

अदालत ने कहा कि सरकार को पैडल वाले रिक्शों को हटाने के लिए दो सप्ताह के अंदर कम से कम 50 ई-रिक्शा का प्रबंध करना चाहिए। अदालत का कहना था कि ई-रिक्शा के आवंटन में पैडल रिक्शा चालकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बृहस्पतिवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मौजूद नैनीताल की सर्किल अधिकारी विभा दीक्षित ने अदालत को आश्वासन दिया कि शहर में यातायात का उपयुक्त प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे।

कैंची धाम में 14 जून से शुरू हो रहे मेले से इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल की यातायात परेशानियां और बढ़ेंगी। देशभर से श्रद्धालु कैंची धाम में बाबा नीम करोली के आश्रम में पहुंचेंगे।

अदालत ने निर्देश दिया कि भोवाली के सर्किल अधिकारी कैंची धाम में सुचारू यातायात संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि काठगोदाम और कलाडुंगी में पर्यटकों की खातिर पार्किंग व्यवस्था एवं शटल सेवाओं का इंतजाम किया जाए।










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