Tripura Election: त्रिपुरा चुनाव परिणाम को लेकर बड़ा दावा- 60 फीसदी जनादेश था भाजपा के खिलाफ, पढ़िये पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

वाम मोर्चा ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘‘अप्रत्याशित’’ बताते हुए दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी दलों के बीच मतों के बंटवारे से भाजपा को कम सीटें मिलने के बावजूद चुनाव जीतने में मदद मिली। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन की जीत
त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन की जीत


अगरतला: वाम मोर्चा ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘‘अप्रत्याशित’’ बताते हुए दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी दलों के बीच मतों के बंटवारे से भाजपा को कम सीटें मिलने के बावजूद चुनाव जीतने में मदद मिली।

वाम मोर्चा ने यह भी दावा किया कि हाल में संपन्न चुनावों में करीब 60 प्रतिशत जनादेश भाजपा के खिलाफ था, क्योंकि चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत 39 प्रतिशत रहा।

वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कर ने शुक्रवार को एक समाचार विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अगर पांच साल के कुशासन और लोगों की राय को देखें तो परिणाम संतोषजनक नहीं हैं। भाजपा के खिलाफ करीब 60 प्रतिशत जनादेश यह दर्शाता है कि लोग एक खास पार्टी पर भरोसा नहीं करते।’’

इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत 2018 के 43.59 प्रतिशत के मुकाबले 39 प्रतिशत रह गया है। साठ- सदस्यीय विधानसभा में उसकी सीट भी 36 के मुकाबले 32 हो गयी हैं।

माकपा का मत प्रतिशत भी 42.70 प्रतिशत से कम होकर 24 प्रतिशत रह गया है, जबकि कांग्रेस ने अपने मत प्रतिशत में सुधार किया है और यह 1.41 प्रतिशत से बढ़कर 8.56 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

टिपरा मोठा को करीब 20 प्रतिशत वोट मिले और उसने आदिवासी इलाकों में 13 सीट जीती।

कर ने कहा कि भाजपा विरोधी दलों के बीच मत विभाजन से कम सीट होने के बावजूद भाजपा का सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

कुछ इलाकों में चुनाव-बाद हिंसा पर चिंता जताते हुए उन्होंने सरकार, प्रशासन तथा पुलिस से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने का अनुरोध किया।










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