Uttarakhand News: जानिये उत्तराखंड के भिटौली के बारे में, हर कोई ताकता है राह

चैत्र का महीना आते ही उत्तराखंड के कुमाऊं अंचल में हर विवाहित बेटी की आँखें राह तकने लगती हैं। यह महीना केवल ऋतु परिवर्तन का नहीं, बल्कि स्नेह, अपनत्व और मायके की यादों को ताजा करने का होता है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 26 March 2025, 8:42 PM IST
google-preferred

हल्द्वानी: चैत्र का महीना आते ही उत्तराखंड के कुमाऊं अंचल में हर विवाहित बेटी के आने की राह तकने लगती हैं। यह महीना केवल ऋतु परिवर्तन का नहीं, बल्कि स्नेह, अपनत्व और मायके की यादों को ताजा करने का होता है।

भिटौली, यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सेतु है, जो सालों बाद भी मायके से बेटियों के रिश्ते को संजोए रखता है। यह महीना पिता और भाई के लिए भी खास होता है, क्योंकि वे अपनी बहन-बेटी के लिए स्नेह से भरी भिटौली लेकर जाते हैं। मिठाइयों, गुड़, पूरी, खीर और आभूषणों से सजी यह भेंट केवल वस्तुएं नहीं, बल्कि मायके की ममता और प्रेम का प्रतीक होती है।

कहते हैं, एक समय ऐसा था जब बेटियाँ अपने मायके से वर्षों तक अछूती रह जाती थीं। एक माँ के दिल में अपनी दूर ब्याही बेटी को देखने की लालसा उमड़ी, लेकिन वर्षों तक कोई संवाद नहीं हुआ। छोटे भाई ने अपनी बहन से मिलने का प्रण लिया और माँ के हाथों से बनी भिटौली लेकर पहाड़ों की पथरीली राहों पर निकल पड़ा। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जब वह अपनी बहन के घर पहुँचा, तो वह गहरी नींद में थी।

भाई ने उसकी नींद में खलल न डालते हुए सिरहाने भिटौली रखकर चुपचाप लौट गया। सुबह जब बहन जागी, तो सिरहाने भिटौली देख उसकी आँखों में आंसू भर आए। उसे समझते देर न लगी कि उसका भाई आया था, लेकिन बिना मिले ही लौट गया। उस दिन से भिटौली केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भाई-बहन के प्रेम और त्याग का प्रतीक बन गई।

आज भी यह परंपरा कुमाऊं में जीवंत है। हर साल चैत्र मास में बेटियों के मायके से भिटौली आती है। माँ के हाथों की बनी मिठाइयों की खुशबू, भाई के प्रेम से भरे उपहार और परिवार की स्मृतियों के साथ। यह परंपरा आधुनिक समय में भले ही बदल गई हो, लेकिन इसका भाव वही है। मायके का प्रेम, अपनापन और बेटियों के लिए अटूट स्नेह।

भिटौली सिर्फ एक उपहार नहीं, बल्कि एक भावना है जो यह याद दिलाती है कि बेटियाँ भले ही कितनी दूर चली जाएँ, उनके मायके का स्नेह और आशीर्वाद सदा उनके साथ रहता है।