बीबीसी बकाया कर मामले में आयकर विभाग के संपर्क में, जांच जारी

डीएन ब्यूरो

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने आयकर विभाग को सूचित किया है कि भारत में परिचालन से हुई कुछ पिछली आय की सूचना आयकर रिटर्न (आईटीआर) में नहीं दी जा सकी थी लिहाजा वह इसमें कुछ संशोधन करना चाहती है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

बीबीसी (फाइल)
बीबीसी (फाइल)


नई दिल्ली: ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने आयकर विभाग को सूचित किया है कि भारत में परिचालन से हुई कुछ पिछली आय की सूचना आयकर रिटर्न (आईटीआर) में नहीं दी जा सकी थी लिहाजा वह इसमें कुछ संशोधन करना चाहती है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आयकर विभाग ने कथित कर चोरी की जांच के सिलसिले में इस साल फरवरी में बीबीसी के दिल्ली स्थित परिसरों में तीन दिन तक तलाशी अभियान चलाया था।

हालांकि आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि बीबीसी के इस संपर्क की उस समय तक कोई कानूनी वैधता नहीं है जब तक वह बकाया करों का भुगतान नहीं कर देती।

सूत्रों ने बीबीसी की तरफ से की गई कर वंचना या संभावित बकाया राशि बताने से इनकार करते हुए कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है।

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आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में कहा कि वह किसी विशिष्ट मामले पर टिप्पणी नहीं करता है।

वहीं, बीबीसी ने इस संदर्भ में पीटीआई-भाषा के सवाल पर कहा कि वह प्रशासन के साथ सहयोग करती रहेगी।

बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा, “बीबीसी भारतीय कर अधिकारियों की पूछताछ में पूरा सहयोग कर रही है और आगे भी करती रहेगी। प्रक्रिया जारी है और इसे पूरा होने में समय लगेगा। बीबीसी अपने कर दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेती है।”

तलाशी अभियान के तुरंत बाद सीबीडीटी ने संस्था का नाम न लेते हुए कहा था कि बीबीसी समूह की संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय और लाभ भारत में उनके परिचालन के पैमाने के 'अनुरूप नहीं' हैं और इसकी विदेशी संस्थाओं द्वारा कुछ धन प्रेषणों पर कर का भुगतान नहीं किया गया है।

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सीबीडीटी के मुताबिक, तलाशी में पाया गया कि विभिन्न भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी के अलावा) में कंटेंट की पर्याप्त खपत के बावजूद, बीबीसी समूह की विभिन्न संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय/लाभ भारत में उसके परिचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं है।

ब्रिटिश समाचार संगठन कथित विदेशी मुद्रा उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के अंतर्गत जांच का भी सामना कर रहा है।










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