Uttar Pradesh: बेसिक शिक्षा विभाग ने मदरसों को जारी नोटिस किया निरस्त, जानिये पूरा अपडेट

मुजफ्फरनगर में 12 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को अपने पंजीकरण के दस्तावेज दिखाने के लिये बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिस को बृहस्पतिवार को निरस्त कर दिया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 26 October 2023, 6:34 PM IST
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मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में 12 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को अपने पंजीकरण के दस्तावेज दिखाने के लिये बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिस को बृहस्पतिवार को निरस्त कर दिया गया।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि मदरसों को गलती से नोटिस भेजे गये थे,जिन्हें निरस्त कर दिया गया है।

उन्होंने मदरसों को नोटिस भेजने वाले सम्बन्धित खंड शिक्षाधिकारियों से इस बात का स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर उन्होंने अनाधिकृत रूप से नोटिस क्यों भेजे।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मदरसों को नोटिस भेजने और उनका निरीक्षण करने का काम सिर्फ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का ही है।

मुजफ्फरनगर स्थित 12 मदरसों को पिछले करीब दो सप्ताह के दौरान अलग-अलग खंड शिक्षाधिकारियों ने नोटिस जारी किये थे जिनमें पूछा गया था कि वे बिना पंजीकरण के किस आधार पर मदरसे संचालित कर रहे हैं। मदरसों से यह भी कहा गया था कि अगर वे अपने दस्तावेज नहीं दिखा पाते हैं तो उन्हें 10 हजार रुपये प्रतिदिन की दर से जुर्माना देना होगा।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने बुधवार को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इन मदरसों को जारी नोटिस को 'अवैध' करार देते हुए इसे अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यक्षेत्र का अतिक्रमण करार दिया था।

जावेद ने बुधवार को एक बयान जारी कर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मुजफ्फरनगर, अमेठी और कौशांबी समेत कई जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को नोटिस भेज कर उनके संचालन के आधार के बारे में पूछे जाने का विरोध किया।

उन्होंने कहा था कि मदरसों के निरीक्षण का अधिकार सिर्फ अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को है और बेसिक शिक्षा विभाग की दखलंदाजी से मदरसों में असहजतापूर्ण स्थिति पैदा हो रही है।

मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद ने मदरसों को नोटिस जारी किये जाने को अदालत में चुनौती देने की बात कही थी।

संगठन के विधिक सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा था कि नोटिस में नि:शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 का हवाला देते हुए मदरसों से उनके संचालन का आधार पूछा गया है, जबकि हकीकत यह हे कि गुरुकुल और मदरसों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।

रशीदी ने सवाल किया कि बेसिक शिक्षा विभाग किस अधिकार से मदरसों को नोटिस जारी कर रहा है।

Published : 
  • 26 October 2023, 6:34 PM IST

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