किस्सा यूपी का: शातिर बनवारी ने SC-ST एक्ट को बनाया हथियार और करने लगा ये काले कारनामे, जानिये क्या हुआ आगे

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शातिर ने एससी-एसटी एक्ट को इंसाफ के बजाए काले कारनामें और गाड़ी कमाई करने का अचूक हथियार बना डाला। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये यूपी के इस चौंकाने वाले किस्से के बारे में

एसटी-एससी एक्ट के नाम पर ब्लैकमेलिंग
एसटी-एससी एक्ट के नाम पर ब्लैकमेलिंग


बरेली: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की तमाम सामाजिक सुरक्षाओं को सुनिश्चित करने के लिये बनाये गये एससी एसटी एक्ट का उपयोग काले-कारनामों के लिये करने का एक चौंकाने वाला मामला सामना आया है। एक शातिर ने इस एक्ट को अपनी गाड़ी कमाई का साधन बना डाला। एक के बाद एक जब वह इस एक्ट के तहत मामला दर्ज करता रहा तो पुलिस को शक हुआ और जांच के बाद जो तथ्य सामने आये वे बहद चौंकाने वाले हैं।

मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद का है। जिले के उघैती के रतनपुर गांव निवासी अनुसूचित जाति के बनवारी लाल के खिलाफ अप पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बनवारी लाल पर एक शिकायत के बाद एसीसी एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर लोगों को ब्लैकमेलिंग और मुआवजा लेने का आरोप है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बनवारी एससी-एसटी एक्ट के तहत 9 मामले दर्ज कर चुका है। उनसे 10वें मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोर्ट में अर्जी डाली तो मामले का पटाक्षेप हुआ।  

गांव रतनपुर निवासी टिंकू शर्मा ने बीते दिनों एसएसपी डा. ओपी सिंह को गांव में रहने वाले बनवारी लाल के खिलाफ शिकायती पत्र दिया था। बनवारी लाल ने टिंकू के खिलाफ पिछले वर्ष मुकदमा दर्ज कराया था। अब बनवारी ने उनके परिचित के विरुद्ध मुकदमा कराने के लिए कोर्ट में अर्जी डाली। 

जांच मे पता चला कि बनवारी 15 वर्षों में एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत नौ मुकदमों में 25 लोगों को नामजद कर चुका है। एक मामला कोर्ट से निस्तारित हो चुका। दूसरे में छह लोग जेल चले गए। बाकी सात मुकदमों की सुनवाई चल रही है।

टिंकू ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि गांव में जिस व्यक्ति से बनवारी से कहासुनी हो जाती है, उस पर मुकदमा दर्ज करा देता है। एससी-एसटी एक्ट का डर दिखाकर समझौता कर रुपये देने का दबाव डालता है। गांव में 11 अन्य लोगों को भी उसने इसी तरह धमकाया। बनवारी की नजर एसटी एसटी एक्ट में मामला दर्ज होने पर मिलने वाले मुआवजे पर रहती थी। पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है। 










संबंधित समाचार